लगातार हो रही बारिश को लेकर सुरक्षित रेल परिचालन को लेकर रेलवे प्रशासन चौकस है. इंजीनियरिंग विभाग द्वारा बरसात में ट्रेन तथा रेल पटरियों की सुरक्षा के लिए पेट्रोलिंग शुरू कर दी गयी है. बरसात में पहाड़ी क्षेत्र में पहाड़ का मलवा, चट्टान या पेड़ आदि रेल पटरी पर गिरने का भय रहता है. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए 30 जुलाई से मॉनसून पेट्रोलिंग शुरू कर दी गयी है. इसमें दो कर्मियों को डयूटी पर भेजा जाता है. गझंड़ी से गुरपा तक 20 किमी चौबीस घंटे पेट्रोलिंग जारी है. रेल पटरी पर किसी तरह की बाधा उत्पन्न होने की स्थिति में तुरंत नज़दीकी स्टेशन को सूचना देकर परिचालन रोक दिया जाता है. पेट्रोल मैन घटनास्थल से कई मीटर पहले रेडियम लगा वर्दी पहन पटरी किनारे खड़ा होकर लाल झंडी दिखा ट्रेन रोकने का संकेत देता है. अगर उसके सूचना देने से पहले ट्रेन स्टेशन से छूट चुकी है, तो रात में लाइट का संकेत देकर घटनास्थल के पूर्व ट्रेन रुकवा देते हैं. गोमो-गया रेलखंड पर गझंडी से गुरपा तक 20 किमी घाट सेक्शन है. इस पर कई बार पहाड़ से चट्टान लुढ़कने या मलबा पटरी पर गिरने की घटनाएं हो चुकी है. इससे निबटने को रेल इंजीनियरिंग विभाग चौकस है.
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