टीआरडी विभाग ने सभी डिपो से कर्मियों के पैर का साइज मांगाबेंक्टेश शर्मा, गोमो
रेलवे अपने कर्मचारियों को उच्च गुणवत्ता वाला सेफ्टी जूत मुहैया करायेगा. सेफ्टी जूते रेलकर्मियों को करंट के झटके से बचायेगा. जानकारी के अनुसार धनबाद रेल मंडल अंतर्गत टीआरडी विभाग के सभी डिपो से कर्मचारियों के पैर का साइज मांगा गया है. प्रत्येक डिपो से सीनियर सेक्शन इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर, टेक्नीशियन तथा हेल्पर के पैर का साइज मंडल कार्यालय में भेजा गया है. क्योंकि उक्त सभी कर्मी 25 हजार वोल्ट के तार को रूटीन के अनुसार जांच करने तथा ओवरहेड तार को मरम्मत करने के लिए टावर वैगन पर चढ़ कर काम करते हैं. विद्युत तार से जुड़े काम करने के दौरान विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है. इसके बावजूद किसी प्रकार की चूक होने पर सेफ्टी जूता विद्युत के झटके से बचा लेगा. रेलकर्मियों के बीच चर्चा है कि उक्त सेफ्टी जूता नमूना के तौर पर कुछ जोड़ा मलेशिया से मुम्बई क्षेत्र में मंगवाया गया है.क्यों जरूरी है सेफ्टी जूता :
ओवरहेड तार का काम करने के पहले स्विच से लाइन काट दी जाती है. इसके बावजूद ओवरहेड तार में 220 वोल्ट से ज्यादा करंट प्रवाहित होती रहती है. कार्यस्थल के दोनों ओर डिसचार्ज्ड रड लगाकर प्रवाहित विद्युत धारा को पूरी तरह से बाधित कर दी जाती है. इसके बावजूद किसी चूक के कारण तार में बिजली प्रवाहित हुई तो सेफ्टी जूता कर्मचारियों को करंट के झटके से बचा लेगा.चालू लाइन में होता है
काम :
तेज हवा बहने के दौरान कपड़े का टुकड़ा या मालगाड़ी में लगा तिरपाल का टुकड़ा या प्लास्टिक उड़कर ओवरहेड तार में फंस जाता है. उसमें किसी इंजन का पेंटो फंस कर टूटने का खतरा बना रहता है. इस हालात में टीआरडी विभाग के कर्मचारी चालू लाइन में ऑपरेटिंग रड की सहायता से ओवरहेड तार में फंसे कपड़े या प्लास्टिक को हटाते हैं. इस दौरान रेलकर्मियों के लिए सेफ्टी जूता सुरक्षा कवच का काम करेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है