अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ा जल शक्ति अभियान, इस वर्ष भी बेकार हो जायेगा वर्षा जल

वर्ष 2019 में जल शक्ति अभियान में धनबाद को मिला था पहला स्थान, पर अब हाल बेहाल, शहरी क्षेत्र के सिर्फ 9189 घरों में नहीं है रेन वाटर हार्वेस्टिंग

By Prabhat Khabar News Desk | May 28, 2024 12:37 AM

सुधीर सिन्हा, धनबाद,

जलापूर्ति की समस्या से शहरवासी जूझ रहे हैं. इससे निबटने के लिए कई तरह की तैयारी की गयी, नियम भी बने. सबसे बड़ा कदम उठाया गया कि हर घर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग जरूरी कर दिया गया. नहीं बनाने पर दंड स्वरूप डेढ़ गुणा होल्डिंग टैक्स वसूला जाने लगा. साथ ही तय हो गया कि इसके बिना किसी भी घर या अपार्टमेंट का नक्शा पास नहीं होगा. दूसरी ओर सभी सरकारी कार्यालयों इसे हर हाल में बनाने को कहा गया. सभी कार्यालयों को पैसे भी दिये गये. रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए धनबाद में अभियान चला. लाखों पौधे भी लगाये गये. इन सब पर लाखों रुपये खर्च हुए. इसका असर भी दिखा. वर्ष 2019 में जल शक्ति अभियान के तहत धनबाद को राज्य में पहला स्थान मिला. शहरी क्षेत्र में सब ठीक रहे, इसके लिए नगर निगम को इसका नोडल एजेंसी बनाया गया है. बरसात पूर्व तैयारियों का जायजा लेने के लिए जब प्रभात खबर की टीम ने जिले के विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यालयों का निरीक्षण किया, तो हकीकत सामने आ गयी. कहीं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बना नहीं था, तो कहीं बनने के वर्षों बाद भी उसका उपयोग नहीं हाे पा रहा था. अधिकांश जगहों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग का सिस्टम फेल था. कहीं कचरा डंप हो रहा था, तो कहीं उसमें छत से आनेवाली पाइप ही नहीं जुड़ी थी. दरअसल, वर्ष 2019 में कुछ काम कागज पर हुआ, तो कुछ जैसे-तैसे खानापूर्ति की गयी.

नगर निगम व जमाडा का रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर हो रहा कचरा डंप :

नगर निगम व जमाडा में भी लाखों रुपये खर्च कर रेन वाटर हार्वेस्टिंग (जल संचय टैंक) का निर्माण कराया गया था. लेकिन मेंटेनेंस नहीं होने के कारण नगर निगम परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग कचरा प्वाइंट बन गया है. तीन साल से टैंक की सफाई तक नहीं हुई है. जमाडा परिसर में भी स्थिति खराब है. इसी तरह जमाडा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर पुराने भवनों का रॉ मेटेरियल रख दिया गया है. यहां भी चारों ओर कचरा बिखरा है और वर्षों से इसकी सफाई नहीं की गयी है.

पुराने समाहरणालय में बनी रेन वाटर हार्वेस्टिंग हो गयी बेकार :

पुराने समाहरणालय में बनी रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजना बेकार हो गयी. वित्तीय वर्ष 2005-06 में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दो योजनाएं ली गयी थीं. एक योजना की लागत 64,500 रुपये था. काम के नाम पर 79.5 फीट गहरा गड्ढा खोद कर उस पर प्लास्टर कर दिया गया. लेकिन समाहरणालय की छत से पाइप लाइन के जरिये इसे जोड़ने का काम आज तक पूरा नहीं हुआ.

मिश्रित भवन की रेन वाटर हार्वेस्टिंग फेल :

मिश्रित भवन में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दो योजनाएं ली गयीं. दोनों का काम भी हुआ, लेकिन दोनों की स्थिति खराब है. दोनों खुले हुए हैं. आस-पास कूड़ा-कचरा फेंका रहता है. गड्ढे के अंदर प्लास्टिक की बोतलें व अन्य कचरा है, जबकि नियम है कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग के जरिये केवल साफ पानी ही अंदर जाये. इस भवन में राज्य सरकार के दो दर्जन से अधिक विभागों के कार्यालय हैं.

कागज पर दिखाया जाता है रेन वाटर हार्वेस्टिंग और पास हो जाता है नक्शा

झारखंड बिल्डिंग बॉयलॉज 2016 के तहत बिना रेन वाटर हार्वेस्टिंग के नक्शा पास नहीं किया जाना है. लेकिन नगर निगम में इसका पालन नहीं होता. शहर के 50 फीसदी अपार्टमेंट में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है, जबकि प्रोजेक्ट के नक्शा में इसे दिखाया जाता है. अभियंता व बिल्डर की मिली भगत से बिना जांचे नक्शा पास कर दिया जाता है. बाद में भी जांच नहीं होती. इसी वजह से वर्ष 2019 में जल शक्ति अभियान के क्रम में जब 22669 घरों का सर्व किया गया, तो 3000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले 9184 अपार्टमेंट व घर बिना रेन वाटर हार्वेस्टिंग के मिले थे.

आम लोगों के लिए दंड, साहबों को माफी

300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाले घर या बहुमंजिला इमारत में रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं होने पर नगर निगम डेढ़ गुणा होल्डिंग टैक्स वसूल करता है. यह व्यवस्था झारखंड बिल्डिंग बायलॉज के तहत है, पर सरकारी कार्यालयों के लिए कोई प्रावधान नहीं.

जल शक्ति अभियान के तहत जो होना था

– एक लाख से अधिक पौधे लगाने थे

-सभी नये व पुराने अपार्टमेंट में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करनी थी- सभी सरकारी व निजी भवनों-कार्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग

– चेक डैम और जलाशयों का जीर्णोद्धार-तालाब कार्यक्रम के तहत हर गांव के तीन-तीन तालाबों का जीर्णोद्धार करना था- घर का पानी घर में कार्यक्रम के तहत महिलाओं के बीच सोख्ता बनाने व पेड़ लगाने के लिए अभियान चलाना था

रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए क्या है प्रावधान

– 7.5 डिसमिल जमीन पर निजी घर बना है, तो रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य है. घर की छत की जितनी लंबाई व चौड़ाई है, उसका 20 प्रतिशत लंबाई-चौड़ाई व गहराई कर रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाना है. -अपार्टमेंट के लिए वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य है. -शहरी क्षेत्र में लगभग 12000 फ्लैट है. इसमें 60 प्रतिशत फ्लैट से टैक्स आता है. रेन वाटर हार्वेस्टिंग के तहत जुर्माना के कारण लगभग चार हजार फ्लैट से आज भी टैक्स नहीं आता है.

कहते हैं निगम के मुख्य अभियंता अनुप सामंता

धनबाद नगर निगम व जमाडा परिसर में वर्ष 2019 में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए टैंक बनाया गया था. फिलहाल क्या स्थिति है, इसकी जानकारी नहीं है. वीडियो कांफ्रेंसिंग चल रही है. इसके बाद स्पॉट जांच की जायेगी. अगर वहां कचरा डंप हो रहा है, तो उसकी सफाई करायी जायेगी. रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक को भी साफ कराया जायेगा. जिस अपार्टमेंट में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है, उन्हें रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाने के लिए नोटिस दिया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version