झरिया की इमारतों से भी ऊंचा है राजापुर का ओबी डंप
राजापुर आउटसोर्सिंग परियोजना में उड़ रहे धूल-कण से झरिया कोयलांचल की बड़ी आबादी परेशान है. प्रदूषित वातावरण के कारण लोग गंभीर बीमारी का शिकार हो रहे है. बस्ताकोला क्षेत्र की राजापुर परियोजना में अब तक 100 लाख क्यूबिक मीटर व कुसुंडा क्षेत्र की ऐना परियोजना में करीब 95 लाख क्यूबिक मीटर ओबी का ऊंचा पहाड़ खड़ा कर दिया गया है.
झरिया : राजापुर आउटसोर्सिंग परियोजना में उड़ रहे धूल-कण से झरिया कोयलांचल की बड़ी आबादी परेशान है. प्रदूषित वातावरण के कारण लोग गंभीर बीमारी का शिकार हो रहे है. बस्ताकोला क्षेत्र की राजापुर परियोजना में अब तक 100 लाख क्यूबिक मीटर व कुसुंडा क्षेत्र की ऐना परियोजना में करीब 95 लाख क्यूबिक मीटर ओबी का ऊंचा पहाड़ खड़ा कर दिया गया है.
झरिया शहर की इमारतों से कहीं ज्यादा ऊंचा राजापुर परियोजना में संचालित एमआर देव प्रभा का ओबी डंप है. जानकार बताते हैं कि ऐना-इस्लामपुर की बड़ी आबादी तथा धनबाद-सिंदरी मुख्य मार्ग के सटे महज 50 मीटर के समीप करीब दो सौ फीट ऊंचा ओबी का पहाड़ खड़ा कर दिया गया है.
हल्की हवा चलने व उत्खनन से उड़ने वाले धूल -कण से झरिया शहर के साथ-साथ दो दर्जन बस्तियों के लोग परेशान हैं. ऊंचाई पर ओबी लेकर जा रहे वाहनों का संतुलन बिगड़ने तथा पत्थर छिटकने का हर वक्त खतरा बना रहता है.
शहर के नजदीक हैं परियोजनाएं : झरिया शहर के कोयरीबांध, कुकुरतोपा, बाटामोड़, झरिया बजार, बर्फकल, वाटर बोर्ड, बस्ताकोला सात नंबर, बस्ताकोला गोशाला, बस्ताकोला के पास राजापुर परियोजना व कुसुंडा क्षेत्र के ऐना में परियोजना चल रही है.
आउटसोर्सिंग की चपेट में ऐना भूली क्वार्टर, सिंह नगर, इंडस्ट्री कॉलोनी, ऐना इस्लामपुर, शिमलाबहाल बस्ती, शिमलाबहाल आदर्श नगर, खास झरिया, चौथाई कुल्ही, कतरासमोड़ आदि हैं. जहां उड़ रहे धूल-कणों से लोगों का जीना दुश्वार हो गया है.