रामधीर सिंह ने सजा के आदेश को दी चुनौती
पुलिस हिरासत से भागने व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले में सजायाफ्ता बलिया के पूर्व जिप अध्यक्ष रामधीर सिंह ने निचली अदालत के सजा के आदेश को चुनाैती दी है. इसके लिए उन्हाेंने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बसंत कुमार गोस्वामी की अदालत में याचिका दायर की है.
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पुलिस हिरासत में भागने व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का है आरोप
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विनोद सिंह हत्याकांड में काट रहे हैं उम्रकैद की सजा
धनबाद : पुलिस हिरासत से भागने व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले में सजायाफ्ता बलिया के पूर्व जिप अध्यक्ष रामधीर सिंह ने निचली अदालत के सजा के आदेश को चुनाैती दी है. इसके लिए उन्हाेंने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बसंत कुमार गोस्वामी की अदालत में याचिका दायर की है.
उनकी ओर से उनके अधिवक्ता अभय कुमार सिन्हा ने 19 जून, 2020 को क्रिमिनल अपील याचिका संख्या 61/20 दायर की है. अदालत ने उक्त क्रिमिनल अपील याचिका को स्वीकृत कर उसे जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय की अदालत में ट्रांसफर कर दिया है. अब इस याचिका पर सुनवाई 29 जून, 2020 को होगी.
झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह के चाचा रामधीर सिंह ने 20 फरवरी, 2017 को विनोद सिंह हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश निकेश कुमार सिन्हा की अदालत में सरेंडर किया था. फिलहाल वह बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार, रांची में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. इस हत्याकांड में अदालत ने उन्हें 18 अप्रैल 2015 को उम्रकैद की सजा सुनायी थी.
एक वर्ष की हुई थी सजा : 20 मार्च, 2020 को सीबीआइ के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत ने रामधीर सिंह व सूबे के पूर्व शहरी विकास मंत्री बच्चा सिंह को एक-एक वर्ष कैद की सजा सुनायी थी. उन्होंने 12 मई 2020 को अपने अधिवक्ता एसके श्रीवास्तव के मार्फत अपील याचिका संख्या 50/20 दायर की है.
क्या था आरोप : तीन अक्तूबर 2003 को कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह की हत्या हुई थी. पुलिस बल झरिया पहुंच कर रामधीर सिंह को गिरफ्तार कर ला रही थी. इसी दौरान रामधीर समर्थकों ने जबरन उन्हें छुड़ा लिया था.