Dhanbad Firing Case : नहीं हुई थी रमेश पांडेय पर फायरिंग, पुलिस ने जांच में मामला फर्जी पाया

रमेश पांडेय फायरिंग मामले में किसी घटना होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं

By Prabhat Khabar News Desk | January 13, 2021 10:21 AM

धनबाद : भारतीय जन मोर्चा के नेता रमेश पांडेय पर दो जनवरी की रात हुई फायरिंग का मामला पुलिस जांच में फर्जी पाया गया है. पुलिस को उस रात बिरसा मुंडा पार्क के पास ऐसी किसी घटना होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. इधर पुलिस ने उस स्कॉर्पियो गाड़ी को ढूंढ़ निकाला है, जिस पर सवार लोगों पर रमेश पांडेय ने फायरिंग करने आरोप लगाया था.

कहीं बॉडीगार्ड के लिए तो यह सब नहीं? :

पुलिस ने बताया कि घटना के अगले ही दिन रमेश पांडेय अपने समर्थकों के साथ धनबाद थाना पहुंच गये. वे अपराधियों की गिरफ्तारी और सुरक्षा की मांग कर रहे थे. लगता है कि बॉडीगार्ड के लिए यह सब किया गया है.

अब जैसे-जैसे पूरा मामला सामने आया, उससे तो यही लगता है कि बॉडीगार्ड के लिए यह सब किया गया है. पुलिस जल्द ही पूरी रिपोर्ट साैंपनेवाली है.

पुलिस के अनुसार :

रमेश पांडेय ने स्कॉर्पियो (नंबर 1555) के सवारों पर फायरिंग का आरोप लगाया था. उसका पता लगाने के लिए (क्योंकि पूरा नंबर नहीं था) पुलिस ने जिले के आधा दर्जन स्कॉर्पियो के मालिक को बुलाया. एक-एक कर पूछताछ की गयी. इनमें से एक व्यक्ति ने बताया कि उक्त गाड़ी उसकी है.

वह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है. दो जनवरी की रात अपनी मां का दाह संस्कार कर लौट रहा था. इस दौरान बिरसा मुंडा पार्क के पास उन लोगों (रमेश पांडेय) की गाड़ी आगे-आगे थी और जाने का रास्ता नहीं दिया जा रहा था. किसी तरह रास्ता पाकर तेज रफ्तार से हम लोग निकल गये. पुलिस ने स्कॉर्पियों पर सवार अन्य लोगों से भी पूछताछ की. उस व्यक्ति ने सबूत के तौर पर पुलिस को श्मशान घाट में दाह संस्कार के दस्तावेज और फोटो भी दिये.

गार्ड का बयान : नहीं सुनी गोली की आवाज

पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस मामले को लेकर बिरसा मुंडा पार्क के गार्ड व उस रास्ते में कई भवनों में तैनात गार्डों से पूछताछ की गयी. जिस स्थान को घटनास्थल बताया गया, वहां पर भी एक गार्ड मौजूद रहता है. उसे बुला कर कड़ाई से पूछताछ की गयी, तो उसने भी बताया : गोली चलने की कोई आवाज सुनायी नहीं दी. घटनास्थल से खोखा तक नहीं मिला और न ही रमेश पांडेय की गाड़ी पर गोली के दाग मिले.

एफआइआर के बाद जब एएसपी ने संबंधित लोगों से पूछताछ की तो तथ्यों में विरोधाभास सामने आया. एएसपी के सुपरविजन में भी मामला बनावटी प्रतीत हो रहा है.

असीम विक्रांत मिंज, एसएसपी, धनबाद

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version