क्राइम में रांची पहले, धनबाद दूसरे, बोकारो तीसरे व गिरीडीह चौथे स्थान पर
अपराध के ग्राफ में रोजाना इजाफा हो रहा है. इसे लेकर दुश्चिंता व असुरक्षा की भावना से जनजीवन ग्रस्त है. बच्चों व किशोरों पर भी इसका प्रभाव झलकता है. इसलिए संवेदना का क्षरण और अपराधियों के प्रति नरम रवैया बड़ी चिंता का विषय है.
चारों जिलों में जुलाई-23 से जनवरी-24 तक हत्या के 241 मामले दर्ज
चोरी के मानले 2878 व गृह भेदन के 653 मामले हुए दर्ज.
संवाददाता, धनबाद
अपराध के ग्राफ में रोजाना इजाफा हो रहा है. इसे लेकर दुश्चिंता व असुरक्षा की भावना से जनजीवन ग्रस्त है. बच्चों व किशोरों पर भी इसका प्रभाव झलकता है. इसलिए संवेदना का क्षरण और अपराधियों के प्रति नरम रवैया बड़ी चिंता का विषय है. आख़िर ऐसी मानसिकता क्यों होगी कि जघन्य अपराधों के बीच भी लोग नरम रुख अपना लेते हैं.
अपराध कम करना :
अपराध विज्ञान समाज को अपराध को समझने, नियंत्रित करने और कम करने में मदद करता है. अपराध का अध्ययन करने से इसके कारणों की पहचान करने और उनका विश्लेषण करने में मदद मिलती है. इसका उपयोग अपराध को कम करने की नीतियों और पहलों को डिजाइन करने के लिए किया जा सकता है.चिंताजनक ढंग से मामलों में बढ़ोतरी :
बीते वर्ष 2023 में अपराध के बढ़े मामले चिंताजनक हैं. जुलाई-2023 से जनवरी-24 के बीच रांची, धनबाद, बोकारो और गिरिडीह में आपराधिक मामले पहले से बढ़ गये हैं. स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के रिकॉर्ड के अनुसार जुलाई से जनवरी के बीच चोरी के सर्वाधिक 1510 मामले रांची में, धनबाद में 604, बोकारो में 502 व गिरीडीह में 262 मामले दर्ज किये गये. जुलाई-23 से जनवरी-24 के बीच बलात्कार के मामले सर्वाधिक 140 मामले रांची में, गिरीडीह में 77, धनबाद में 43 व बोकारो में 25 मामले दर्ज किये गये.अगस्त में सर्वाधिक 638 मामले दर्ज
बीते महीनों के दौरान मामलों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया. जुलाई के मुकाबले अगस्त में काफी ज्यादा मामले दर्ज किये गये. फिर सितंबर में मामले कम हुए, जो अक्तूबर में दुबारा बढ़ गये. मामलों में नवंबर व दिसंबर में गिरावट हुए, पर फिर जनवरी-24 में मामले बढ़ गये. जुलाई में कुल मामले 558,अगस्त में सर्वाधिक 638, सितंबर में 556, अक्तूबर में 607, नवंबर में 574, दिसंबर में 544 व जनवरी-24 में 584 हो गये. आंकड़ों से स्पष्ट है कि अगस्त में सर्वाधिक और दिसंबर में सबसे कम मामले दर्ज हुए. इनमें भी राजधानी रांची सबसे आगे, धनबाद दूसरे, बोकारो तीसरे व गिरीडीह चौथे पायदान पर है. हालांकि ये सिर्फ वो मामले हैं जो दर्ज किये गये हैं. कई मामले तो ऐसे भी होंगे जो थाने तक पहुंच भी नहीं पाये होंगे.
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