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दिव्यांग नाबालिग से दुष्कर्म में मुजरिम को 22 वर्ष कैद

शादी करने का झांसा देकर दुष्कर्म किया. जब पीड़िता गर्भवती हो गयी तो आरोपी ने उसे दवा खिला दी.

विधि प्रतिनिधि, धनबाद,

दिव्यांग नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में सोमवार को पोक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत ने सजा की बिंदु पर अपना फैसला सुनाया. बरवाअड्डा निवासी मुजरिम राम दास कुमार मिश्रा को पोक्सो एक्ट की धारा 6 में दोषी पाकर 22 वर्ष कैद व 10 हजार रुपए जुर्माना से दंडित किया है. अदालत ने 17 मई को उसे दोषी करार दिया था. अभियोजन का संचालन सहायक लोक अभियोजक समित प्रकाश ने किया. प्राथमिकी पीड़िता के पिता के शिकायत पर बरवड्डा थाने में दर्ज की गयी थी. इसके मुताबिक आरोपी पूजा पाठ करने के लिए गांव में आता था. जब भी पीड़िता शौच करने के लिए जाती थी, तो आरोपी उसका पीछा करता. इस दौरान आरोपी ने उसे शादी करने का झांसा देकर दुष्कर्म किया. जब पीड़िता गर्भवती हो गयी तो आरोपी ने उसे दवा खिला दी. इससे उसका गर्भ खराब हो गया. अनुसंधान के बाद पुलिस ने 16 अक्टूबर 2023 को आरोपी के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया था. 19 अक्टूबर 2023 को आरोप तय होने के बाद सुनवाई शुरू हुई थी. सुनवाई के दौरान अभियोजन ने छह गवाहों का मुख्य परीक्षण कराया था.

रंजय हत्याकांड में गवाह पेश करने का आदेश :

भाजपा के पूर्व विधायक संजीव के करीबी रंजय सिंह उर्फ रवि रंजन सिंह की हत्या मामले की सुनवाई सोमवार को जिला व सत्र न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत में हुई. जेल में बंद आरा बेरथ निवासी नंद कुमार सिंह उर्फ बबलू उर्फ रूना सिंह उर्फ मामा को अदालत ने रांची के होटवार जेल से वीसीएस से पेश किया. वहीं जमानत पर मुक्त हर्ष सिंह आज हाजिर नहीं थे. केस अभिलेख साक्ष्य पर निर्धारित था, लेकिन अभियोजन ने गवाह पेश करने के लिए समय की मांग की. अदालत ने अभियोजन को गवाह पेश करने का निर्देश दिया है. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ शर्मा व आयुष श्रीवास्तव ने पैरवी की.

महेंद्र हत्याकांड में गवाह पेश करने का आदेश : बगोदर के माले विधायक महेंद्र सिंह हत्याकांड की सुनवाई सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में हुई. अदालत ने अभियोजन को गवाह पेश करने का आदेश देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 21 मई 2024 निर्धारित कर दी.

कोल शॉर्टेज मामले में बीसीसीएल के पूर्व विजिलेंस अधिकारी ने दी गवाही : बीसीसीएल के लोदना क्षेत्र के नॉर्थ तिसरा व साउथ तिसरा उत्खनन परियोजना में हुए लाखों मीट्रिक टन कोल शॉर्टेज मामले की सुनवाई सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश राकेश कुमार की अदालत में हुई. अभियोजन की ओर से सीबीआइ के लोक अभियोजक मुरारी कुमार आर्य ने बीसीसीएल के तत्कालीन सुप्रीटेंडेंट ऑफ माइंस (विजिलेंस) अधिकारी अंजनी कुमार की गवाही करायी. गवाह अंजनी कुमार ने अदालत को बताया कि वह 20 अक्टूबर 2016 से दिसंबर 2020 तक विजिलेंस डिपार्टमेंट में कार्यरत थे. उन्होंने मुख्य सतर्कता पदाधिकारी के आदेश पर कोयले का स्टॉक मेजरमेंट करने लोदना क्षेत्र के नॉर्थ तिसरा व साउथ तिसरा ओसीपी गये थे. बचाव पक्ष के अधिवक्ता डीके चौबे व संजीव पांडेय ने गवाह का प्रति परीक्षण किया. अदालत ने साक्ष्य के लिए अगली तारीख निर्धारित कर दी है. अदालत में सुनवाई के दौरान लोदना क्षेत्र के पूर्व महाप्रबंधक टी के बंदोपाध्याय, पूर्व एजीएम कन्हैया सिंह, मैनेजर आदिश यादव गैर हाजिर थे. जबकि सुरजीत मित्तल व एचसी कुशवाहा उपस्थित थे.

क्या है आरोप : सीबीआइ इंस्पेक्टर एमके पाठक, सब इंस्पेक्टर आरसी खत्री व बीसीसीएल के विजिलेंस डिपार्टमेंट की ओर से अंजनी कुमार सुपरिटेंडेंट ऑफ माइंस (विजिलेंस) व संजय कुमार सीनियर माइनिंग इंजीनियर ( विजिलेंस) की संयुक्त टीम ने लोदना क्षेत्र के नॉर्थ तिसरा व साउथ तिसरा उत्खनन परियोजना के कोयले का बुक स्टॉक की जांच की. जांच के दौरान 20.5.2010 से 24.5.2010 की अवधि में नॉर्थ तिसरा व साउथ तिसरा उत्खनन परियोजना में 312989.100 लाख मिट्रिक टन कोल शॉर्टेज था. इससे बीसीसीएल को करीब 42 करोड़ रूपये का आर्थिक नुकसान हुआ था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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