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DHANBAD NEWS : नाबालिग से दुष्कर्म में जेल से फरार मुजरिम को 20 वर्ष कैद

अदालत से : अदालत ने मुजरिम की फरारी में सुनाया फैसला

By Prabhat Khabar News Desk | September 21, 2024 1:51 AM

नाबालिग को शादी का झांसा देकर अपहरण कर लेने व उसके साथ दुष्कर्म करने के एक मामले में शुक्रवार को पोक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत ने सजा की बिंदु पर फैसला सुनाया. अदालत ने मुजरिम तिसरा निवासी देवा भूइंया को भादवि की धारा 366 में पांच साल दो हजार, वहीं पोक्सो एक्ट की धारा 4 में दोषी पाकर 20 वर्ष सश्रम कैद व 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनायी. दोनों सजा एक साथ चलेगी. अभियोजन का संचालन लोक अभियोजक अवधेश कुमार ने किया. अदालत ने 19 सितंबर को उसे दोषी करार दिया था. वह इस मामले में जेल से फरार है. उसकी अनुपस्थिति में अदालत ने अपना फैसला सुनाया. प्राथमिकी पीड़िता की मां की शिकायत पर कतरास थाने में 22 अगस्त 2020 को दर्ज की गयी थी. इसके मुताबिक 14 वर्षीय नाबालिग को देवा 21 अगस्त 2020 के दोपहर 2:00 बजे बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया था. पीड़िता ने अदालत को दिए बयान में बताया कि वह ट्यूशन पढ़ने के लिए अपने सहेलियों की साथ जाती थी, तब देवा उसे पीछा करता था. 21 अगस्त 2020 को जब वह ट्यूशन पढ़ने के लिए गयी थी, तो देवा उसे जबरदस्ती अपनी बाइक पर बैठकर एक खाली घर में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया था.

ढुलू महतो के खिलाफ रजनी देवी ने दी गवाही :

डोमन महतो पर जानलेवा हमला करने के मामले की सुनवाई शुक्रवार को एमपी एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत में हुई. अदालत में मामले की पीड़िता रजनी देवी का बयान दर्ज किया गया. उसने कहा कि 29 अप्रैल 2019 को उसके जेठ डोमन महतो बांस बल्ली की दुकान बना रहे थे. ढुलू महतो उनके समर्थक अजय गोराई, बिट्टू सिंह, डंपी मंडल, कृष्णा रविदास और बूढ़ा राय ने जेठ डोमन महतो और ससुर से गाली ग्लौज कर मारपीट की. वह बचाने गयी ताे उसके साथ भी मारपीट की गयी. इस घटना के बाद उसके ससुर बीमार पड़ गये और उनकी मृत्यु हो गयी. अभियोजन की ओर से सहायक लोक अभियोजक उमेश दीक्षित ने गवाह का मुख्य परीक्षण कराया जबकि प्रति परीक्षण सांसद ढुलू महतो के वरीय अधिवक्ता ललन ओझा, नीरज बिशियार, एन के सविता ने किया.

एलबी सिंह समेत पांच रिहा :

सीबीआइ के निर्देश पर कुसुंडा एरिया के आदर्श नगर शिमला बहाल में सड़क की मापी के लिए पहुंचे बीसीसीएल अधिकारियों में दहशत फैलाने के उद्देश्य से फायरिंग करने के एक मामले के अदालत ने अपना फैसला सुनाया. धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजीत कुमार सिंह की अदालत ने अधिवक्ता विकास भुवानिया की दलील सुनने के बाद मामले के नामजद आरोपी ठेकेदार एलबी सिंह, उनके भाई कुंभनाथ सिंह व भरत सिंह के अलावा ओम प्रकाश सिंह व मिथिलेश सिंह को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. बचाव पक्ष की ओर से यह दलील दी गयी की अभियोजन के सभी गवाहों के बयान विरोधाभासी थे, किसी ने घटना कारित करते आरोपियों को नहीं देखा था. केवल संदेह के आधार पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया. प्राथमिकी कुसुंडा एरिया नंबर छह के कनिय अभियंता विनय कुमार ठाकुर के शिकायत पर झरिया थाने में 30 जून 2012 को दर्ज की गयी थी.

मोना हत्याकांड में सास व ससुर का डिस्चार्ज पिटीशन खारिज :

बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के भेलाटांड़ स्थित ऋषि नगर निवासी अभिषेक कुमार की 36 वर्षीय पत्नी मणिका अखौरी उर्फ मोना हत्याकांड मामले में शुक्रवार को जिला व सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार विश्वकर्मा की अदालत ने सास मीना देवी व ससुर ब्रजेश कुमार कोचगवे की और से दायर डिस्चार्ज पिटीशन को उभय पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खारिज कर दी. अदालत ने चार अक्टूबर को आरोप गठन की तिथि निर्धारित कर दी है. सभी आरोपियों को सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया है. सुनवाई के दौरान आरोपी पति अभिषेक कुमार, सास मीना देवी व ससुर ब्रजेश कुमार कोचगवे गैर हाजिर थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता ने प्रतिनिधित्व आवेदन दायर किया था.

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