नगर निगम का हर साल करोड़ों का टेंडर निकलता है. टेंडर निकालने, सीएस (तुलनात्मक अध्ययन) बनाने और कार्य आवंटन को लेकर नगर निगम के अधिकारियों में आपाधापी मची रहती है. इसके पीछे का कारण जनता सब जानती है. कार्य आवंटन के बाद नगर निगम के अधिकारी सुस्त हो जाते हैं. लिहाजा कई योजनाओं काे एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन मिल रही है. दूसरी ओर कुछ योजनाएं पूर्ण तो हो चुकी है, लेकिन कुछ न कुछ तकनीकी कारणों से अब तक शुभारंभ नहीं हो पाया है.
नगर निगम का बन रहा अपना कार्यालय, दिसंबर 2024 में पूरा करना था काम :
बिरसा मुंडा पार्क के ठीक सामने नगर निगम का 47.97 करोड़ की भव्य बिल्डिंग बन रही है. पांच मंजिला ऑफिस में बोर्ड बैठक के लिए कांफ्रेंस हॉल, मेयर, नगर आयुक्त, डिप्टी मेयर, अपर नगर आयुक्त व उप नगर आयुक्त का कार्यालय, जन सुविधा केंद्र, पार्षदों के बैठने के लिए चेंबर, लान्ज, कैंटीन आदि की सुविधा होगी. पूरा ऑफिस परिसर 2.6 एकड़ में फैला है. नगर निगम प्रधान कार्यालय के लिए एक बार एक्सटेंशन दिया गया था. उसका टर्म दिसंबर 2024 को पूरा हो गया. आज तक 50 प्रतिशत बिल्डिंग का काम पूरा हुआ है. बिल्डिंग की ढलाई हो चुकी है. ब्रिक्स व प्लास्टर का काम चल रहा है. निगम का दावा है कि दिसंबर 2025 तक बिल्डिंग बनकर तैयार हो जायेगी.सांस्कृतिक भवन बनकर तैयार, तकनीकी कारणों लटका है उद्घाटन :
नगर निगम का सांस्कृतिक भवन बनकर तैयार है. 4.70 करोड़ की लागत से बिरसा मुंडा के सामने 1.25 एकड़ भूखंड में बने सांस्कृतिक भवन में कलाकारों के लिए डबल स्टोरी रूम है. साउंड प्रुफ सिस्टम, कॉस्मेटिक पैनल, डक्ट एसी, वुडेन स्टेज व पुश बैक चेयर लगा है. 800 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. 2019 से काम चल रहा था. अब जाकर यह भवन बनकर तैयार हुआ है. भवन, तो बना लेकिन रैयत की जमीन का समाधान नहीं हुआ. इस कारण मामला लटका हुआ है. दूसरी ओर भवन में जो पंखा लगाया गया है, उसमें भी अधिकारियों काे ऑब्जेक्शन है. सांस्कृतिक भवन कब चालू होगा, अब तक स्पष्ट नहीं है.द डीएमसी मॉल बनकर तैयार, एक माह से भाड़ा निर्धारण को लेकर चल रही कागजी प्रक्रिया :
25 करोड़ की लागत से बैंक मोड़ में पांच मंजिला द डीएमसी मॉल बनकर तैयार है. मॉल में 70 दुकानें है. दो फ्लोर पार्किंग है. एक माह पहले दुकान का रेट निर्धारण के लिए एसडीओ को पत्र लिखा गया है. लेकिन अब तक रेट निर्धारण नहीं हुआ है. इस कारण ऑन लाइन बिडिंग नहीं हो रही है. दुकानों का रेट क्या होगा. एसडीओ को तय करना है. एक माह से अधिक समय हो गये, लेकिन अब तक दुकानों का रेट निर्धारण नहीं हुआ.जुलाई 2024 में ही पूरा होना था स्ट्रीट फूड कॉर्नर का काम :
बरटांड़ बस स्टैंड में 20 हजार वर्ग फुट का आधुनिक स्ट्रीट फूड कार्नर बनना है. इसके लिए 99 लाख का टेंडर हुआ था. जुलाई 2024 में काम पूरा होना था. अब तक मात्र सिविल वर्क का कुछ काम हुआ है. ब्यूटीफिकेशन का काम लटका हुआ है. 50 स्ट्रीट वेंडर को यहां जगह देना है. अब तक मात्र 20 स्ट्रीट वेंडर को ही शॉट लिस्ट किया गया है. नगर निगम की कार्य प्रणाली की जो स्थिति है, स्ट्रीट फूड कॉर्नर को बनाने में चार से छह माह का समय लगेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है