नीरज हत्याकांड : रिंकू सिंह की गिरफ्तारी पर रिपोर्ट तलब

अदालत से : शूटर सप्लाई करने के आरोपी मुन्ना बजरंगी के खास रिंकू सिंह उर्फ विकास सिंह उर्फ धर्मेन्द्र सिंह को अदालत ने गिरफ्तार करने का आदेश दिया है

By Prabhat Khabar News Desk | August 9, 2024 1:45 AM

धनबाद नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर व कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले की सुनवाई गुरुवार को जिला व सत्र न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत में हुई. इस मामले में शूटर सप्लाई करने के आरोपी मुन्ना बजरंगी के खास रिंकू सिंह उर्फ विकास सिंह उर्फ धर्मेन्द्र सिंह को अदालत ने गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. रिंकू सिंह जमानत पर जेल से 23 जनवरी 2023 को बाहर निकला था. जमानत मिलने के बाद से रिंकू सिंह लगातार अदालत के निर्धारित तारीखों पर हाजिर नहीं हो रहा था. इस कारण अदालत ने 20 दिसंबर 2023 को रिंकू सिंह का बंध पत्र खारिज करते हुए उसे गिरफ्तार करने का आदेश दिया था. अदालत ने पुलिस से रिंकू की गिरफ्तारी के संबंध में रिपोर्ट तलब की है. झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रोगन मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने रिंकू सिंह को जमानत पर मुक्त करने का आदेश दिया था. 12 सितंबर 2019 को पुलिस ने रिंकू के विरुद्ध आरोप पत्र सौंपा था. 35 पन्नों के आरोप पत्र में पुलिस ने रिंकू के विरुद्ध सोनू, रोहित व पंकज का बयान, कॉल डिटेल व अन्य आरोपियों के स्वीकारोक्ति बयान को था. 13 जून 2019 को पुलिस ने रिंकू सिंह को इस मामले मे गिरफ्तार किया था. अब इस मामले में सुनवाई 28 अगस्त 2024 को होगी.

कोल शॉर्टेज मामले में सीबीआइ को गवाह पेश करने का आदेश :

भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के बस्ताकोला क्षेत्र के कुइया उत्खनन परियोजना में हुए लाखों मिट्रिक टन कोल शॉर्टेज मामले की सुनवाई गुरुवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में हुई. अभियोजन की ओर से सीबीआइ कोई गवाह पेश नहीं कर सकी. अदालत ने सीबीआइ को गवाह पेश करने का आदेश दिया है. अदालत ने साक्ष्य के लिए अगली तारीख 26 सितंबर 2024 निर्धारित कर दी. अदालत में सुनवाई के दौरान केओसीपी के प्रबंधक किशोर यादव समेत दो आरोपी हाजिर थे, जबकि बस्ताकोला क्षेत्र के पूर्व महाप्रबंधक आरयू पांडेय गैर हाजिर थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता ने प्रतिनिधित्व आवेदन दायर किया.

दहेज प्रताड़ना में पति को तीन वर्ष कैद :

दहेज के लिए पत्नी को प्रताड़ित करने के एक मामले में गुरुवार को अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव त्रिपाठी की अदालत ने अपना फैसला सुनाया. अदालत ने महुदा निवासी उत्तम कुमार सिंह को तीन वर्ष कैद व 20 हजार रुपए जुर्माना से दंडित किया है. प्राथमिकी उत्तम की पत्नी उषा देवी की शिकायत पर महुदा थाने में दर्ज की गयी थी. इसके मुताबिक आठ जुलाई 2004 को उषा की शादी उत्तम के साथ हुई थी. आरोप था कि कुछ दिन के बाद 50 हजार रुपए दहेज के लिए उसके साथ मारपीट की जाती थी. पांच जनवरी 2020 को सुबह 7:00 बजे उत्तम एक महिला को लेकर घर में आ गया. पूछने पर बताया वह उसकी दूसरी पत्नी है. उसने विरोध किया, तो मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया गया था. सुनवाई के दौरान सहायक लोक अभियोजक उमेश दीक्षित ने इस मामले में आठ गवाहों का मुख्य परीक्षण कराया था.

मारपीट मामले में अदालत ने आरोपी को लगायी फटकार :

मारपीट कर युवक को घायल कर देने के एक मामले में गुरुवार को अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव त्रिपाठी की अदालत ने राहुल गोस्वामी को दोषी करार दिया. अदालत ने उसे डांट फटकार कर दोबारा ऐसा नहीं करने का बांड पत्र लेकर छोड़ने का आदेश दिया है. प्राथमिकी झरिया निवासी देव प्रकाश साव की शिकायत पर झरिया थाने में दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी के मुताबिक 29 मई 2022 को शाम 6:00 बजे वह पड़ोस में सामान लेने गया था कि वहां राहुल आया और उसे पैसे की मांग करने लगा. विरोध करने पर राहुल ने उसके साथ मारपीट की थी. पुलिस ने अनुसंधान के बाद 13 मार्च 2023 को आरोप पत्र दायर किया था. सुनवाई के दौरान सहायक लोक अभियोजक उमेश दीक्षित ने पांच गवाहों का मुख्य परीक्षण कराया था.

रिश्वत लेते पकड़े गये दारोगा मामले में गवाह पेश करने का आदेश :

कोयला व्यवसाय करने वाले रमेश पांडेय से 50 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़े गये गोविंदपुर थाना के प्रशिक्षु दारोगा मुनेश तिवारी मामले की सुनवाई गुरुवार को निगरानी के विशेष न्यायाधीश नीरज कुमार विश्वकर्मा की अदालत में हुई. केस अभिलेख साक्ष्य पर निर्धारित था. लेकिन अभियोजन कोई गवाह पेश नहीं कर सका. अदालत ने अभियोजन को गवाह पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 17 सितंबर 2024 निर्धारित कर दी.

मारपीट व उत्पीड़न मामले में जमानत अर्जी खारिज :

मारपीट व हरिजन/आदिवासी उत्पीड़न मामले में आरोपित सरायढेला निवासी अरविंद वर्मा की जमानत अर्जी पर सुनवाई जिला व सत्र न्यायाधीश सुजीत कुमार सिंह की अदालत में हुई. बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता समर श्रीवास्तव ने बहस की. वहीं एससी एसटी के विशेष लोक अभियोजक जयदेव बनर्जी ने जमानत का कड़ा विरोध किया. अदालत ने उभय पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत देने से इंकार करते हुए जमानत अर्जी को खारिज कर दी. नाै अगस्त 2009 को फिलोमिन बाऊ ने अरविंद वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उसने आरोप लगाया कि 5 अगस्त 2009 को अरविंद अन्य कर्मचारियों के साथ यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया बैंक मोड़ शाखा में आकर गाली गलौज,मारपीट व जाति सूचक शब्द का प्रयोग कर अपमानित किया.

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