DHANBAD NEWS : धनबाद स्टेशन के प्लेटफार्म छह और सात से बुधवार को आरपीएफ ने बिहार के गया और दुमका के छह बच्चों का रेस्क्यू किया है. गया के तीन बच्चों को आंध्रप्रदेश के राजमुंद्री और दुमका के तीन बच्चों को केरल बाल मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था. कार्रवाई के साथ इसकी सूचना आरपीएफ ने सीडब्ल्यूसी धनबाद को दी. गया के बच्चों के मामले में कैलाश मांझी नामक ट्रैफिकर को गिरफ़्तार किया गया है. दुमका के बच्चों के मामले में विल्सन नामक कथित दलाल मौके से फरार हो गया. आरपीएफ उसकी तलाश कर रही है. सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने मामले को लेकर स्टेशन परिसर में ही कैंप लगाकर निर्णय लिया. डीएलएसए सचिव राकेश रौशन ने छुट्टी का दिन होने के बावजूद लीगल सपोर्ट दिया. पीएलवी चंदन कुमार को सहयोग के लिए भेजा. श्री मुखर्जी ने बताया बिहार के गया के बच्चों को अंडा का ट्रे बनाने के काम में लगाया गया था, जबकि दुमका के बच्चों को केरल में सुपारी और नारियल की खेती में लगाया जाने वाला था. बच्चों ने बताया त्रिशुर का विल्सन प्रतिदिन प्रति बच्चा दो सौ रुपया वसूलता है. दोनों राज्यों में बड़ी तादाद में संतालपरना के बच्चे कार्यरत हैं. रेस्क्यू किए गये सभी बच्चों को बोकारो स्थित लड़कों के शेल्टर हाउस सहयोग विलेज में भेजा दिया गया. पूरे मामले में आरपीएफ़ इंस्पेक्टर पंकज कुमार के अलावा आरपीएफ़ अधिकारियों में बालिक मिंज़, आभाष कुमार सिंह , कुंदन कुमार, अभिमन्यु का योगदान रहा. स्टेशन परिसर में सीडब्ल्यूसी की कार्रवाई में पीएलवी चंदन कुमार, चाइल्ड हेल्प लाइन के नीतेश कुमार, काजल, अमित आदि का योगदान रहा.
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