जिले के 12 अंचलों में जमीन का दाखिल खारिज नहीं हो पा रहा है. इससे जमीन खरीदारों को परेशानी हो रही है. देश में सेवा का अधिकार कानून लागू होने के बाद भी म्यूटेशन मामले में अधिकारियों की टाल मटोल की नीति और आवेदन को पेंडिंग रखने का कारण किसी से छिपा नहीं है. सभी अंचलों में दाखिल खारिज के कुल 10607 आवेदन पेंडिंग हैं. इसमें से 3558 आवेदनों की 90 दिनों की तय सीमा पार कर चुकी है.
अब तक नहीं उतरी चुनाव की खुमारी : आम जनता पहले चुनाव में अधिकारियों के फंसे होने के कारण अंचल कार्यालयों से लौट जाती थी, लेकिन चुनाव बीतने के बाद भी चुनावी खुमारी अधिकारियों नहीं उतरी है. दूसरी तरफ अंचल कार्यालयो में पूरे जिले के सभी हल्का कर्मचारियों ने अपने-अपने दलाल छोड़ रखे हैं. इन दलालों से मिले बिना जनता का कोई काम नहीं हो पाता है. अंचल कार्यालयों में भी दलालों की टोली मंडराती रहती है.अलग अलग अंचलों में अलग रेट तय :
जिले के सभी 12 अंचलों में म्यूटेशन के लिए अलग-अलग रेट तय है. कहीं एक हजार रुपये डिसमिल, तो कहीं 12 सौ, तो कहीं 15 सौ रुपये तय है. वहीं गोविंदपुर अंचल कार्यालय का रेट जमीन व व्यक्ति देख कर तय की जाती हैअंचल अधिकारी के लॉगइन से रिजेक्ट हुए अधिकांश आवेदन :
जिले के सभी अंचलों के म्यूटेशन आवेदन की स्क्रूटनी का आंकड़ा देखने से यह स्पष्ट हो जा रहा है कि अधिकांश आवेदन अंचल अधिकारियों की लॉगइन से रिजेक्ट हुए हैं.यह सवाल जरूरी है :
अब बड़ा सवाल यह है कि अंचल अधिकारी के लॉगइन में आवेदन के आने से पहले आवेदन कर्मचारी के लॉगइन में रहता है. जहां से कागजातों की जांच कर कर्मचारी सीआइ के लॉगइन में फारवर्ड करता है. यहां भी सीआइ कागजातों की जांच कर म्यूटेशन के लिए सीओ के लॉगइन में भेजते हैं. फिर सीओ को लॉगइन से आवेदन रिजेक्ट क्यो हो जाता है. 90 दिन के बाद भी पेंडिंग आवेदनबाघमारा 400गोविंदपुर 1655बलियापुर 210
तोपचांची 275झरिया12धनबाद 553टुंडी 33
पूर्वी टुंडी 86पुटकी पेंडिंग 2केलियासोल 167एग्यारकुंड 9
निरसा 156क्या कहते हैं अपर समाहर्ता
झार सेवा में कनेक्टिविटी कमजोर रहने के कारण म्यूटेशन का मामला लंबित है.
बिनोद कुमार,
अपर समाहर्ता, धनबादडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है