DHANBAD NEWS : अविभाजित बिहार में कोयलांचल में राजद का था दबदबा

फ्लैश बैक : 90 के दशक में धनबाद की दो सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल का था दबदबा, अलग राज्य बनने के बाद घटती गयी हैसियत, अब सहयोगी दल की भूमिका तक सीमित रह गयी पार्टी

By Prabhat Khabar News Desk | October 20, 2024 1:04 AM

अविभाजित बिहार के समय कोयलांचल की राजनीति में जनता दल बाद में राष्ट्रीय जनता दल की बड़ी हैसियत थी. धनबाद, बोकारो में पार्टी कई सीटों पर जीत दर्ज करती थी. साथ ही कुछ पर टक्कर में रहती थी. अब इन दोनों जिलों में राजद सहयोगी दल की भूमिका तक में सिमट कर रह गया है. लोकसभा व विधानसभा चुनाव में यहां राजद को सीट नहीं मिल पा रही है.

लालू राज में बूम पर थी पार्टी :

1990 में अविभाजित बिहार के मुख्यमंत्री बने लालू प्रसाद यादव के समय धनबाद, बोकारो में पार्टी ने तेज रफ्तार से अपनी जमीन मजबूत की. वर्ष 1991 में झरिया विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए उप चुनाव में पार्टी प्रत्याशी आबो देवी ने जीत दर्ज कर यहां सबको चौंकाया. झरिया सीट यहां के बड़े राजनीतिक घराना सिंह मेंशन का गढ़ माना जाता था. फिर 1995 के चुनाव में धनबाद जिला के छह विधानसभा क्षेत्रों में से झरिया से राजद की आबो देवी ने जीत हासिल की. वह राबड़ी सरकार में राज्य मंत्री भी बनीं. 1990 व 1995 के चुनाव में धनबाद विधानसभा क्षेत्र से भी राजद प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे. अच्छा वोट हासिल किया. अविभाजित बिहार के समय विधानसभा के लिए वर्ष 2000 में हुए अंतिम चुनाव में राजद प्रत्याशी डॉ सबा अहमद ने टुंडी सीट से जीत हासिल की थी. जबकि झरिया में आबो देवी दूसरे स्थान पर रही थी. डॉ अहमद बिहार में राजद-कांग्रेस गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे.

झारखंड बनने के बाद धनबाद से कभी नहीं हुई राजद की जीत :

अलग झारखंड राज्य बनने के बाद अब तक विधानसभा के हुए चार चुनावों में धनबाद व बोकारो जिला के किसी भी विस सीट से राजद प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाये. टुंडी में डॉ सबा अहमद दूसरे स्थान पर रहे. जबकि पार्टी धनबाद, झरिया में मुख्य मुकाबला में भी नहीं आ पायी. बाद में गठबंधन की राजनीति में राजद को यहां कोई सीट नहीं मिली. यहां कांग्रेस-झामुमो के साथ सहयोगी दल की भूमिका ही राजद निभाता आ रहा है. लोकसभा चुनाव में भी धनबाद, गिरिडीह सीट से राजद प्रत्याशी नहीं लड़ पा रहे हैं. लोकसभा व विधानसभा चुनाव में राजद का प्रत्याशी नहीं उतरने का असर यहां संगठन पर भी दिख रहा है. धीरे-धीरे पार्टी का कोयलांचल में राजनीतिक प्रभाव पहले की अपेक्षा कम होता जा रहा है.

बोकारो में भी था पार्टी का प्रभाव :

बोकारो जिला में भी पहले जनता दल बाद में राजद का खासा असर था. अविभाजित बिहार में मंत्री रहे अकलू राम महतो जैसे दिग्गज नेता पार्टी की कमान संभाले हुए थे. पूर्व मंत्री बच्चा सिंह भी एक बार राजद की टिकट पर बोकारो से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. कोयलांचल की राजनीति में दिग्गज चेहरा रहे पूर्व मंत्री समरेश सिंह भी एक बार राजद से धनबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version