प्लास्टिक से बने रास्ते की वजह से धनबाद से गिरिडीह की दूरी 15 किमी घटी
सूत्रों ने बताया कि लगभग छह माह पूर्व धनबाद जिला के दो ग्रामीण सड़कों राजगंज के मानटांड़ से श्यामडीह तक व टुंडी के लोधरिया मोड़ से शहरपुरा तक आठ किमी सड़क का निर्माण प्लास्टिक वेस्ट मेटेरियल से किया गया है.
धनबाद : ग्रामीण कार्य विभाग ने पीएमजीएसवाइ के तहत पहाड़ों के बीच गंगापुर से बस्तीकुल्ही रोड का निर्माण किया है. इस सड़क के निर्माण के कारण राजगंज से टुंडी तथा गिरिडीह के विभिन्न क्षेत्रों की दूरी लगभग 15 किलोमीटर तक घट गयी है. इस सड़क के कुछ हिस्से पहले पगडंडी जैसे था. अब 60 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से वाहन इस सड़क से चल रहे हैं.
केंद्रीय टीम ने की प्लास्टिक से निर्मित दोनों सड़कों की जांच
सूत्रों ने बताया कि लगभग छह माह पूर्व धनबाद जिला के दो ग्रामीण सड़कों राजगंज के मानटांड़ से श्यामडीह तक व टुंडी के लोधरिया मोड़ से शहरपुरा तक आठ किमी सड़क का निर्माण प्लास्टिक वेस्ट मेटेरियल से किया गया है. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) की निधि से बनी इन सड़कों की केंद्रीय टीम ने जांच के दौरान पाया कि छह माह बाद भी दोनों सड़कों का स्ट्रेंथ सही है. गुणवत्ता भी सही पाया गया. दोनों ही पथों पर वाहनों का परिचालन भी सामान्य गति से हो रहा है.
कैसे तैयार होता है प्लास्टिक वेस्ट
पहले प्लास्टिक वेस्ट को करीब 2.36 से 4.75 एमएम के टुकड़े किये जाते हैं. फिर वेस्ट के टुकड़ों को 165 से 170 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर मिक्सिंग चैंबर में मिक्स किया जाता है. इसके पश्चात बिटुमिन को 160 डिग्री सेंटीग्रेड पर गर्म करते हैं. गर्म बिटुमिन वेस्ट के टुकड़ों को 30 से 60 सेकेंड तक मिक्स किया जाता है. जानकारी के मुताबिक सड़क बनाने में करीब 85 फीसदी बिटुमिन 15 फीसदी प्लास्टिक वेस्ट मिलाया जाता है. यह मिक्स्चर गरम-गरम (करीब 110 से 120 डिग्री सेंटीग्रेड तक) डालकर रोलर से समतल करते हैं.प्लास्टिक कचरा के इस्तेमाल के पहले इसे 2.36 मिमी से कम लंबाई में मशीन से काटा जाता है. टुकड़ों को गिट्टी की बिटुमिन प्लांट में 140 से 165 डिग्री सेल्सियस तापमान में गरम किया जाता है. जिसमें गिट्टी को मिलाया जाता है. एक किमी सड़क बनाने में करीब आधा टन प्लास्टिक वेस्ट का उपयोग होता है.