Dhanbad news : जेल में गांजा, नशीली दवा व मोबाइल ले जाते हुए पकड़ा गया जेल का कक्षपाल

Dhanbad news : धनबाद मंडल कारा का कक्षपाल इग्नासियुल आइंद जेल के अंदर गांजा, नशीली दवा और किपैड वाला मोबाइल ले जाते बुधवार को पकड़ा गया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 12, 2024 2:08 AM

वरीय संवददाता, धनबाद.

धनबाद मंडल कारा का कक्षपाल इग्नासियुल आइंद जेल के अंदर गांजा, नशीली दवा और किपैड वाला मोबाइल ले जाते बुधवार को पकड़ा गया. प्रभारी कारापाल मनोज कुमार गुप्ता के लिखित बयान पर धनबाद थाना में उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पूछताछ में इग्नासियुल आइंद ने पुलिस को बताया कि धनबाद जेल का बंदी सूरज कुमार ने उसे चार हजार रुपये दिये थे और उसी के कहने पर गांजा, नशीली दवा और मोबाइल पहुंचाने जा रहा था. पकड़ा गया कक्षपाल इग्नासियुल रांची जिले के गांव ईठा करंजटोली, थाना कर्रा का रहने वाला है, जबकि इसका दूसरा पता रांची के धुर्वा, डॉग ट्रेनिंग स्कूल सिठियो पिंडर है.

अंडर गारमेंट में छिपा कर ले जा रहा था सामान :

प्रभारी कारापाल मनोज कुमार गुप्ता ने पुलिस को दिये आवेदन में बताया है कि बुधवार की अहले सुबह भूतपूर्व सैनिक कक्षपाल इग्नासियुस आइंद जेल ड्यूटी के लिए अंदर जा रहा था. तभी गेट पर ड्यूटी कर रहे प्रदीप कुमार दास ने उसकी तलाशी ली. इग्नासियुस आइंद अपने जांघिया के नीचे गांजा का एक पैकेट में 50 ग्राम गांजा, एक की-पैड मोबाइल सीम सहित तथा नशा का दवा छह पीस छिपा कर ले जा रहा है. उसे तुरंत गेट के अंदर बैठा दिया गया और वरीय अधिकारियों को सूचना दी गयी. वरीय अधिकारियों ने पूछताछ शुरू की तो पूरे मामला का खुलासा हुआ.

पहले से कर रहा है इस तरह का काम :

पुलिस सूत्रों ने बताया कि इग्नासियुस आइंद पहले से इस तरह का काम कर रहा है और जेल के अंदर बंदियों को बाहर का सामान के साथ नशीला पदार्थ मुहैया कर रहा है. वहीं पुलिस अब उससे पूछताछ कर रही है और वह अब तक किस किस बंदी को बाहर से नशीला सामान लाकर मुहैया कराया है.

गैंगस्टर अमन सिंह की जेल में हो चुकी है हत्या :

धनबाद मंडल कारा में बंद गैंगस्टर अमन सिंह की भी हत्या धनबाद जेल में हुई थी. इस दौरान भी बाहर से हथियार अंदर भेज गये और रितेश उर्फ सुंदर यादव ने उसकी गोली मार कर हत्या कर दी थी. इससे साफ होता है कि धनबाद जेल में बाहर से कुछ भी सामान अंदर मंगवाया जा सकता है और बंदी कुछ रुपये देकर इस तरह के स्टॉफ का उपयोग करते हैं.

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