धनबाद नगर निगम क्षेत्र में रहनेवाले लोगों पर प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में 6,996 करोड़ रुपये बकाया
डिफॉल्टर होने पर टैक्स के साथ पेनाल्टी या ब्याज अथवा दोनों वसूला जा सकता है. डिफाल्टर पर वारंट जारी कर उसकी संपत्ति कुर्क भी की जा सकती है.
धनबाद : शहरों में रहनेवाले स्थानीय नगर निकाय को टैक्स नहीं चुका रहे हैं. इसी वजह से राज्य के सभी 48 नगर निकायों में बकाया राशि लगातार बढ़ रही है. वर्तमान में शहरों में रह रहे लोगों पर स्थानीय निकाय का 7,636 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में बकाया हो गये हैं.
वित्तीय वर्ष 2023-24 में निकायों ने होल्डिंग टैक्स के रूप में 1,013 करोड़ रुपये की वसूली की है. होल्डिंग टैक्स की कुल बकाया राशि में से 7,272 कराेड़ रुपये शहरी इलाकों में रह रहे लोगों के पूर्व का बकाया है. वहीं, बकाये की राशि में वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 36.38 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है.
धनबाद नगर निगम के हैं 95 प्रतिशत बकायेदार : प्रॉपर्टी टैक्स बकाया रखने के मामले में धनबाद नगर निगम क्षेत्र में रहनेवाले लोग राज्य के सभी 48 नगर निकायों में पहले नंबर पर हैं. धनबाद नगर निगम क्षेत्र के लोगों पर 6,996 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है. यह राशि राज्य भर में कुल बकाया प्रॉपर्टी टैक्स के 95 प्रतिशत से भी अधिक है. शेष 47 नगर निकायों को मिला कर प्रॉपर्टी टैक्स का 276 करोड़ रुपये ही बकाया है.
टैक्स नहीं चुकाने पर कुर्क हो सकती है प्रॉपर्टी : शहरों में किसी भी मकान, जमीन, बिल्डिंग, फ्लैट आदि पर प्रॉपर्टी टैक्स चुकाने का प्रावधान है. इनकम टैक्स की तरह अचल संपत्ति पर प्रॉपर्टी टैक्स चुकाना भी अनिवार्य है. प्रॉपर्टी के मालिक को हर साल या छमाही आधार पर संबंधित नगर निकाय को टैक्स चुकाना होता है. टैक्स चुकाने से चूक होने पर कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है. डिफॉल्टर होने पर टैक्स के साथ पेनाल्टी या ब्याज अथवा दोनों वसूला जा सकता है. डिफाल्टर पर वारंट जारी कर उसकी संपत्ति कुर्क भी की जा सकती है.