कोर्ट से जमानत मिलने के दो माह बाद भी जेल में हैं सरस्वती देवी
पति की हत्या के आरोप में बंद महिला कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी जेल से बाहर नहीं आ पा रही है. अभी भी वह धनबाद मंडल कारा में बंद है. उसका कोई जमानतदार नहीं होने के कारण वह दो माह से ज्यादा समय से जेल में बंद है.
धनबाद.
पति की हत्या के आरोप में बंद महिला कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी जेल से बाहर नहीं आ पा रही है. अभी भी वह धनबाद मंडल कारा में बंद है. उसका कोई जमानतदार नहीं होने के कारण वह दो माह से ज्यादा समय से जेल में बंद है. उसने विधायक से सहयोग की मांग की है.अधिवक्ता के लेटर पैड पर लिख मांगा सहयोग :
अधिवक्ता मदन कुमार महतो के लेटरपैड पर लिखकर उसने सहयोग की मांग की है. इसके आधार पर अधिवक्ता ने बाघमारा, झरिया व धनबाद के विधायक को पत्र लिखा है. इसमें बताया है कि आवेदिका सरस्वती हांसदा को धनबाद पुलिस ने कांड संख्या 403-2023 में धारा 302 के झूठे केस में पांच अक्तूबर को जेल भेज दिया है. उसके विरुद्ध फर्जी आरोप पत्र कोर्ट में समर्पित किया गया है. वह गरीब व असहाय महिला है, उसके दो छोटे बच्चे हैं. उसे धनबाद बार एसोसिएशन के अधिवक्ता मदन कुमार महतो की ओर से नि:शुल्क विधिक सेवा आपके द्वारा कार्यक्रम के तहत प्राप्त हुई है. उसे न्यायालय से 27 फरवरी को जमानत मिलने के बाद भी गरीबी के कारण कोर्ट की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाने से वह अब तक जेल में है.पति के हत्या के आरोप में गयी थी जेल :
धनबाद थाना क्षेत्र के तेलीपाड़ा में रहने वाले अजीत हांसदा की हत्या के आरोप में सरस्वती हांसदा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था. तब से वह जेल में है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है