Dhanbad News : 51 जोड़ों से शुरू हुआ था सामूहिक विवाह का सफर, लोग जुड़ते गये, कारवां बढ़ता गया

2014 में सर्व धर्म सामूहिक विवाह समिति ने निर्धन कन्याओं का शुरू किया था विवाह, इस वर्ष 101 कन्याओं का होगा विवाह

By Prabhat Khabar News Desk | January 14, 2025 2:15 AM

कन्या महादान माना जाता है. इस बात पर अमल करते हुए पिछले 10 सालों से सर्व धर्म सामूहिक विवाह समिति निर्धन कन्याओं का विवाह कराती आ रही है. वर्ष 2014 जनवरी को 51 जोड़ों के साथ विवाह की शुरूआत की गयी थी. समिति के अध्यक्ष प्रदीप सिंह ने बताया कि विवाह को लेकर पहली बैठक शक्ति मंदिर में की गयी थी. वहां से आशीर्वाद लेने के बाद विवाह की तैयारी प्रारंभ हुई. इस नेक काम के लिए कई लोग आगे आये. लोग जुड़ते गये और कारवां बढ़ता रहा. अब तक 994 कन्याओं का विवाह धूम धाम से किया जा चुका है. इस साल भी 101 बेटियों के विवाह की तैयारी है.

यादगार बना था पहला सामूहिक विवाह :

शहर में पहली बार किसी समिति द्वारा इतना भव्य आयोजन कर जोड़ों का विवाह कराया जा रहा था. इसे देखने व जोड़ों को आशीर्वाद देने आम से खास सभी शामिल हुए. विवाह स्थल से ऑटो से बारात निकाली गयी थी. सभी दुल्हा को एक तरह का विवाह जोड़ा दिया गया था. बारात शहर में घूमकर जब विवाह स्थल पहुंची, तो यहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. समधी मिलन हुआ. सभी जोड़ों का विवाह उनकी रीति रिवाज से कराया गया.

सजाया गया था चौक चौराहा, सभी धार्मिक अनुष्ठान :

प्रथम विवाह समारोह को लेकर कोयलांचल के सभी धार्मिक अनुष्ठान जैसे सभी मंदिर, मस्जिद, चर्च , गुरुद्वारा के साथ चौक चौराहा को सजाया गया था. हिंदू जोड़ों का विवाह गायत्राी परिवार, मुस्लिम का इमाम, ईसाई जोड़ों का चर्च के पादरी, पंजाबी जोड़ों का विवाह ग्रंथी द्वारा कराया गया था. एक ही मंच पर पहले जोड़ों का सामूहिक रूप से जयमाला करायी गयी. उसके बाद विवाह कराया गया. इस ऐतिहासिक पल को संजोने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा था.

दिये जाते हैं गृहस्थी बसाने का सामान :

जोड़ों को विवाह के बाद गृहस्थी बसाने का सामान दिया जाता है. फोल्डिंग, गद्दे, बेडसीट, कपड़े, बर्तन, शृंगार सामग्री, ट्रंक व अन्य सामग्री शामिल है. बेटियों को आशीर्वाद स्वरूप कई सहयोगी संस्था भी आशीष स्वरूप उपहार देती है. विवाह के बाद भी बेटियों की कुशलता की जानकारी समिति द्वारा ली जाती है.

खोइछा भर कर दी जाती है विदाई :

समिति की महिला विंग द्वारा सभी बेटियों का खोइछा भरा जाता है. खोइछा में चावल, जीरा, मिठाई, द्रूवा, हल्दी, पैसा डाला जाता है. पालकी में बिठा कर उन्हें पिया के घर के लिए रवाना किया जाता है. छलकती आंखों से जोड़ों को विदाई दी जाती है.

बेटियों की खुशियां हमारी प्रेरणा है

विवाह के समय जब बेटियों के चेहरे पर खुशियां दिखती है तब ऐसा लगता है कि हमारा प्रयास सफल है. निर्धन बेटियों का विवाह धूमधाम से हो, उनके सपने पूरे हों, हम सब की यही कोशिश रहती है.

प्रदीप सिंह,

अध्यक्ष

हमारी तैयारी छह माह पहले प्रारंभ हो जाती है. कई बैठक होती है. विवाह का सामान, बाराती सराती के भोजन का इंतजाम के साथ कोई कसर न रह जाये, हमारी टीम का यही प्रयास होता है.

मंजीत सिंह,

चेयरमैनपिछले 10 सालों से हमारी समिति सफलता पूर्वक जोड़ों का विवाह कराती आ रही है. सबसे बड़ी बात है सामूहिक विवाह में सर्व धर्म के जोड़े शामिल होते हैं. एक ही मंच पर इतने जोड़ोंं को आशीष मिलना सौभाग्य की बात है.

द्वारिका प्रसाद तिवारी,

उपाध्यक्ष

जैसे ही इस साल बेटियों को विदा करते हैं अगले वर्ष के लिए प्लानिंग होने लगती है. समिति के साथ अन्य लोग भी सहयोग करते हैं. इस बार 11वां साल है. बेटियों का सुखी संसार बसे ईश्वर उनपर आशीष बरसायें.

भरत जी भगत,

महासचिव

सामूहिक विवाह को ले आज बेटियों को लगेगी मेहंदी, होगा लेडीज संगीत

मंगलवार को सामूहिक विवाह में शामिल बेटियों के हाथों में मेहंदी रचेगी. साथ ही समिति की लेडीज विंग की ओर से लेडीज संगीत पर धमाल मचाया जायेगा. लेडीज संगीत में बेटियां भी शामिल होंगी. डीजे पर एक से बढ़कर एक गीतों पर धमाल मचाया जायेगा. महिला विंग ने लेडीज संगीत की जोरदार तैयारी की है. कार्यक्रम विवाह स्थल गोल्फ ग्राउंड में संध्या छह बजे से होगा.

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