धनबाद.
दुर्गा मंदिर भूदा में चल रहे आठ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के समापन के दिन कथा वाचक सुरेंद्र हरिदास महाराज ने भक्तों को ””प्रेम जब अनन्त हो गया, मेरा रोम रोम संत हो गया…”” भजन का श्रवण कराया. उन्होंने कहा कि मनुष्य को सुख की प्राप्ति होती है, तो कहता है कि यह मेरी मेहनत का फल है. वहीं जब दुख जीवन में प्रवेश करता है, तो कहता है कि यह सब भगवान की गलती है. मनुष्य को सब कुछ भगवान पर छोड़ देना चाहिए, क्योंकि मानव को उसके कर्मों का ही फल मिलता है. मनुष्य जब सच्चे भाव से भगवान की पूजा करते हैं, तो भगवान को वह विवश होकर स्वीकार करना पड़ता है. अगर मनुष्य सुखी जीवन जीना चाहता है, तो मनुष्य को सत्य, खुशी, करुणा, दया, ईश्वर से प्रेम करना सीखना होगा, तभी उसके जीवन में सुख आ सकता है. मौके पर टिंकु साव, आंनद कामदेव, आदित्य साव, बंशीराम, सुरेन्द्र पांडेय, रामवृक्ष साव, कारू साव, सूरज रजक, सिदेश्वर मिश्रा, अनिल यादव, प्रमोद मंडल, संजय पासवान, ओमप्रकाश सिन्हा, दीपक रवानी, छोटू साव, संतोष साव, मनोज महतो, उमेश महतो, महानंद रवानी, विष्णु महतो, प्रमोद चौबे, मंटू चौहान, सूरज साव, रिंकी देवी, रवि सिन्हा, पंकज गुप्ता, चंदन महतो, विनय सिन्हा, साधना देवी, डोली देवी, सीता देवी, मनज्योति देवी, साधना देवी, अहिल्या देवी, पूनम गुप्ता, सीमा सिन्हा, रीता देवी, नीलम देवी, जगदम्बा पांडेय, दयामंती साव, शांति देवी, माला देवी आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है