एसएनएमएमसीएच : इमरजेंसी के फ्रीजर का दरवाजा खराब, शाम में शव रखे जा रहे बाहर, बदबू से घुट रहा दम
यह तो हद है. एसएनएमएमसीएच की इमरजेंसी से खत्म नहीं हो रहा संकट, व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) के इमरजेंसी में मृतकों के शवों को बाहर रखा जा रहा है, क्योंकि यहां के फ्रीजर का दरवाजा खराब हो गया है. इमरजेंसी के फ्रीजर में दो शव रखने की जगह है. कुछ दिनों पूर्व फ्रीजर खराब हुआ था. इसमें रखे एक लावारिस के शव से दुर्गंध आने के बाद इसकी जानकारी हुई. बुधवार को एसएनएमएमसीएच प्रबंधन के निर्देश पर फ्रीजर को बनाया गया. लेकिन इसका दरवाजा बंद नहीं हो रहा है. पूरी रात खुले में, दूसरे दिन मुर्दाघर में रखे जा रहे शव : अस्पताल की इमरजेंसी के अलावा एफएमटी विभाग में शवों को रखने की व्यवस्था है. एफएमटी विभाग में भी एक मुर्दाघर है. सुबह से शाम के बीच आने वाले शवों को एफएमटी विभाग के मुर्दाघर में भेज दिया जा रहा है. शाम पांच बजे के बाद एफएमटी विभाग बंद हो जाता है. इसके बाद अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचने वाले शवों को बाहर रखा जा रहा है. इसके दूसरे दिन शव को मुर्दाघर में भेजा जा रहा है. पिछले दो दिनों से यही स्थिति बनी हुई है. हालांकि, अस्पताल प्रबंधन ने फ्रीजर को जल्द दुरुस्त कराने की बात कही है.
कोट
फ्रीजर की मरम्मति का कार्य चल रहा है. एक-दो दिनों में इमरजेंसी के फ्रीजर को दुरुस्त कर लिया जायेगा. शवों को बचाने के लिए उसे बाहर रखा जा रहा है. प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा शवों को एफएमटी विभाग के मॉर्चुरी में रखा जाये.
डॉ ज्योति रंजन प्रसाद,
प्राचार्य सह प्रभारी अधीक्षकडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है