Dhanbad News : कोलकाता में महिला ट्रेनी चिकित्सक से हैवानियत के विरोध में जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल के सातवें दिन शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) के सेंट्रल लाइब्रेरी के समीप गुरुवार काे अस्पताल प्रबंधन के निर्देश पर समानांतर ओपीडी सेवा शुरू कर दी गयी. पिछले छह दिनों से एसएनएमएमसीएच में ओपीडी सेवा ठप थी. सामानांतर ओपीडी में अस्पताल के वरीय चिकित्सकों ने मरीजों को चिकित्सीय परामर्श दिया.
मरीजों ने ली राहत की सांस
अस्पताल में समानांतर ओपीडी सेवा शुरू होने से मरीज ने राहत की सांस ली. पहले दिन अव्यवस्था दिखी. दिन के 10 बजे ओपीडी शुरू होते ही मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी. दोपहर 12.30 बजे तक पहली पाली व दोपहर तीन बजे से लेकर शाम के पांच बजे तक दूसरी पाली में समानांतर ओपीडी का संचालन हुआ. बता दें कि जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल के कारण गत सात दिनों से एसएनएमएमसीएच में ओपीडी सेवा पूरी तरह से ठप है. प्रबंधन के बार-बार आग्रह के बावजूद हड़ताली जूनियर चिकित्सक ओपीडी सेवा बहाल नहीं होने दे रहे हैं.
प्रबंधन की सख्ती से लौटे हड़ताली चिकित्सक
समानांतर ओपीडी संचालन की जानकारी मिलने पर दिन के लगभग 11 बजे बड़ी संख्या में हड़ताली जूनियर चिकित्सक सेंट्रल लाइब्रेरी के समीप पहुंच गये. इस दौरान मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य समेत अन्य वरीय चिकित्सक मौजूद थे. हड़ताली चिकित्सक कुछ करते इससे पहले ही वरीय चिकित्सकों ने फटकार लगाते हुए सभी को वापस लौटा दिया.
सामानांतर ओपीडी में छह विभागों का लगा था काउंटर
समानांतर ओपीडी के पहले दिन अव्यवस्था के कारण एक घंटे विलंब से शुरू हुई. मेडिसिन, सर्जरी, ऑर्थो, पेडियाट्रिक, फिजियोथेरेपी व पीएसएम विभाग का काउंटर लगाया गया था. इसमें वरीय चिकित्सक के साथ कुछ इंटर्न चिकित्सकों से सेवा ली गयी. मेडिसिन में 128, सर्जरी में 112, ऑर्थों में 145 व पेडियाट्रिक विभाग में 94 मरीजों ने इलाज के लिए निबंधन कराया. इसके अलावा पीएसएम विभाग में लगभग 20 से ज्यादा बच्चों का रूटीन इम्यूनाइजेशन सेवा दी गयी. फिजियोथेरेपी में एक भी मरीज नहीं पहुंचे.
हजारीबाग रोड के दीपक को पांच दिन बाद मिला डॉक्टरी परामर्श
हजारीबाग रोड के बिरनी पुरनानगर के रहने वाले 14 वर्षीय दीपक शर्मा सड़क दुर्घटना में घायल हो गये थे. उनका पैर फ्रैक्चर हो गया था. एसएनएमएमसीएच में वे काफी दिनों तक इलाजरत थे. बाद में उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. पैर में प्लास्टर लगा हुआ है. घर में पैरों में अचानक दर्द बढ़ गया. पांच दिन पहले परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे. जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल के कारण चिकित्सीय परामर्श नहीं मिला. इसके बाद भी अलग-अलग दो दिन वे अस्पताल पहुंचे. हड़ताल के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा. समानांतर ओपीडी में गुरुवार को दीपक को डॉक्टरी परामर्श मिला.
इएनटी व नेत्र विभाग शुरू नहीं होने पर निराश होकर लौटे मरीज
समानांतर ओपीडी में गुरुवार को इएनटी व नेत्र विभाग शुरू नहीं किया जा सका. इससे मरीजों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा. चिरकुंडा के करण बहादुर अपने बेटे की आंखों का इलाज कराने के लिए पिछले चार दिनों से अस्पताल का चक्कर लगा रहे हैं. गुरुवार को उन्हें समानांतर ओपीडी संचालन होने की जानकारी अखबार के माध्यम से हुई. वे अपने बेटे को लेकर पहुंचे, लेकिन उन्हें वापस लौटा दिया गया. एसएनएमएमसीएच प्रबंधन के अनुसार इएनटी ओपीडी सेवा शुरू करने के लिए मशीन व उपकरणों की आवश्यकता है. अस्थायी ओपीडी में मशीनों को इस्टॉल करना संभव नहीं है.
हड़ताल से कौन सी सेवाएं रहीं ठप ?
हड़ताल के कारण सांतवें दिन भी अस्पताल के विभिन्न विभागों में संचालित ओटी में ताला लटका रहा. गुरुवार को विभिन्न विभागों में भर्ती एक भी मरीजों का ऑपरेशन नहीं हुआ. इसके अलावा अन्य सेवाएं भी प्रभावित रही.
मरीजों की परेशानी को देखते हुए चलायी जा रही समानांतर ओपीडी : प्राचार्य
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सह प्रभारी अधीक्षक डॉक्टर ज्योति रंजन प्रसाद ने बताया कि जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल के मद्देनजर समानांतर ओपीडी चलाने का निर्णय लिया गया है. मरीजों की भावनाओं और उन्हें हो रही परेशानियों को देखते हुए समानांतर ओपीडी चलाने का फैसला अस्पताल प्रबंधन ने किया है.