वरीय संवाददाता, धनबाद.
धनबाद के सबसे बड़े अस्पताल एसएनएमएमसीएच के ब्लड बैंक में कई ग्रुप के खून की घोर किल्लत हो गयी है. यहां रोजाना 15 से 20 यूनिट खून की जरूरत होती है. शुक्रवार को ब्लड बैंक में 218 यूनिट ब्लड मौजूद था. इसके बाद भी कई ग्रुप का खून नहीं रहने के लोगों को परेशानी हो रही है. इधर रक्तदान भी बहुत कम किया जा रहा है.ब्लड बैंक के समक्ष फ्री ब्लड देने की चुनौती :
एसएनएमएमसीएच के समक्ष मुफ्त में खून देने की चुनौती है. रोज आठ-नौ यूनिट खून थैलेसीमिया मरीजों को दिया जाता है. इसके अलावा प्रसूता, दुर्घटना के शिकार हुए मरीजों और अज्ञात घायलों को इलाज के दौरान मुफ्त में ब्लड मुहैया कराना पड़ता है. इन लोगों द्वारा ब्लड लेकर ब्लड नहीं दिया जाता है और उन्हें ब्लड फ्री में देने की अनुमति है. इसके अलावा सभी को ब्लड लेने के बदले में रक्तदान करना पड़ता है.कई ग्रुप का रक्त खत्म होने के कगार पर :
एसएनएमएमसीएच के ब्लड बैंक में कई ग्रुप के रक्त नहीं के बराबर है. यदि इस बीच कोई गंभीर व थैलेसिमिया मरीज आ जाते हैं तो उन्हें फ्री में ब्लड देना पड़ेगा. इसमें सबसे ज्यादा बी पॉजीटिव के मरीज आते हैं और अभी ब्लड बैंक में मात्र दो यूनिट ही बी पॉजीटिव ब्लड बचा है. वहीं ए पॉजीटिव की सात यूनिट, एबी ग्रुप की सात यूनिट, ए नेगेटिव की तीन, बी नेगेटिव का एक, ओ नेगेटिव की दो यूनिट ही ब्लड बचा है. जबकि विभाग के पास सिर्फ ओ पॉजीटिव ग्रुप की 196 यूनिट ब्लड मौजूद है.आम लोगों को करना चाहिए रक्त दान :
विभाग के कर्मियों ने बताया कि लोगों बढ़-चढ़कर रक्तदान करना चाहिए. उनके रक्त से किसी की जान बचायी जा सकती है. रक्तदान करने से कोई परेशानी नहीं होती है. ब्लड बैंक पूरी जांच करने के बाद ही लोगों का रक्त लेता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है