सनातन क्या है? धनबाद के कार्यक्रम में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने दिये जवाब, झारखंड पर क्या बोले
Sri Sri Ravi Shankar: आध्यत्म गुरु श्री श्री रवि शंकर ने धनबाद के एक कार्यक्रम में कहा कि जीवन में जब गुरु मिल जायें, तो अपनी सारी चिंताएं उन्हें दे देनी चाहिए. इस दौरान उन्होंने साधना और सेवा में ज्यादा समय व्यतीत करने की सलाह दी.
धनबाद : आध्यात्मिक गुरु सह आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक पद्मभूषण श्री श्री रविशंकर गुरुवार को धनबाद में थे. वे यहां चिटाही धाम में चल रहे रामराज मंदिर के वार्षिकोत्सव समारोह में शामिल हुए. जहां उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि चिंता नहीं, साधना करें. अपनी सारी चिंताएं गुरु को दे दें और खुद प्रसन्न रहें, दूसरों की सेवा करें. आपको सब कुछ प्राप्त होगा. सनातन पर उन्होंने कहा कि पुरातन और नूतन को साथ ले कर चलना ही सनातन है. अपने धनबाद दौरे के दौरान वे संस्कार ज्ञानपीठ, हरिणा में भी अपने अनुयायियों से मिले और सभी को आशीर्वाद दिया.
साधना और सेवा में व्यातीत करें समय : श्री श्री रविशंकर
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा कि गुरु कभी चांदी, तो कभी सूरज, तो कभी बिजली की तरह आते हैं. इसलिए जीवन में जब गुरु मिल जायें, तो अपनी सारी चिंताएं उन्हें दे देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि खुद प्रसन्न रहें. साधना और सेवा में ज्यादा समय व्यतीत करें. उन्होंने कहा कि जहां सब मिल-जुल कर पूजा करते हैं, भजन करते हैं, वहीं कुंभ है, वहीं मोक्ष का मार्ग खुलता है. इसलिए सब मिल कर कीर्तन-भजन करें. ईश्वर आपकी मनोकामनाएं जरूर पूर्ण करेंगे.
झारखंड के बारे में क्या कहा श्री श्री रविशंकर ने
श्री श्री रविशंकर ने इस दौरान पत्रकारों के भी सवालों के जवाब दिये. उन्होंने कहा कि पुरातन और नूतन को साथ ले कर चलना ही सनातन है. महाकुंभ पूरी दुनिया को एक संदेश दे गया. यह विविधता में एकता की मिसाल है. उन्होंने झारखंड के बारे में कहा कि उन्हें लंबे समय बाद यहां आने का मौका मिला. झारखंड बहुत ही अच्छा राज्य है. यहां के लोग अच्छे हैं. धनबाद के बारे में कहा कि धनबाद के लोग प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं. धनबाद एक देवभूमि और पवित्र धरती है.
चिटाही धाम में चल रहे महायज्ञ को बताया महाकुंभ
श्री श्री रविशंकर ने चिटाही धाम में चल रहे महायज्ञ सह रामराज मंदिर के स्थापना दिवस को भी एक तरह का कुंभ करार दिया. उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से लोग यहां आ रहे हैं और इस पावन कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं.