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DHANBAD NEWS : एसएसएलएनटी महिला कॉलेज ने पॉलिटेक्निक परिसर में गर्ल्स हॉस्टल चलाने से किया इंकार

DHANBAD NEWS : उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने 200 बेड का हॉस्टल का दिया था प्रस्ताव

DHANBAD NEWS : धनबाद के एसएसएलएनटी महिला कॉलेज प्रबंधन ने राजकीय पॉलिटेक्निक परिसर में 200 बेड का गर्ल्स हॉस्टल का संचालन करने से इंकार कर दिया है. कॉलेज को इस हॉस्टल का संचालन करने का प्रस्ताव उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने दिया था. इसके लिए विभाग ने बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल प्रशासन को पत्र लिखा है. इस पत्र में विवि को राजकीय पॉलिटेक्निक स्थित गर्ल्स हॉस्टल को हैंडओवर लेकर इसके संचालन की जिम्मेवारी एसएसएलएनटी महिला कॉलेज को देने के लिए कहा है. इसके बाद विवि प्रशासन ने हॉस्टल को हैंडओवर लेने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन भी कर दिया है. इस कमेटी के अध्यक्ष सीसीडीसी डॉ आरके तिवारी बनाये गये हैं. जबकि सदस्यों में रजिस्ट्रार, डेवलपमेंट ऑफिसर, एसएसएलएनटी कॉलेज की प्राचार्या और डॉ डीके गिरि शामिल हैं.

पत्र लिख कर किया इंकार :

वहीं कमेटी के गठन के बाद एसएसएलएनटी महिला कॉलेज प्रबंधन ने विवि प्रशासन और उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को पत्र लिखकर पॉलिटेक्निक परिसर स्थित गर्ल्स हॉस्टल के संचालन से इंकार कर दिया है. पॉलिटेक्निक परिसर स्थित गर्ल्स हॉस्टल 200 बेड का है. इस हॉस्टल में 50 के करीब पॉलिटेक्निक की छात्राएं और शेष बेड एसएसएलएनटी महिला कॉलेज की छात्राओं के लिए रखनी थी. हॉस्टल का पूरा प्रबंधन एसएसएलएनटी कॉलेज प्रशासन के हाथों में होता.

अन्य उपयोग के लिए मिले, तो कर सकते हैं विचार :

प्राचार्या डॉ शर्मीला रानी ने बताया कि उन्होंने उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को पॉलिटेक्निक परिसर स्थित गर्ल्स हॉस्टल का भवन अन्य उपयोग के लिए देने का आग्रह किया था, लेकिन विभाग इसके लिए तैयार नहीं है. वह बताती हैं कि हॉस्टल के भवन में स्किल डेवलपमेंट कोर्स शुरू करना चाहती थीं. लेकिन विभाग ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है. अब ऐसे में दो-दो गर्ल्स हॉस्टल संचालित करना संभव नहीं है.

इसलिए किया इंकार :

प्राचार्या डॉ शर्मिला रानी ने कहा कि एसएसएलएनटी महिला कॉलेज परिसर में ही पूर्व से 190 बेड का हॉस्टल है. यह हॉस्टल लगभग पूरी तरह से खाली है. मात्र सात छात्राएं अभी हॉस्टल में रह रही हैं. कोविड महामारी के बाद से ही लगभग यही स्थिति है. ऐसे में कॉलेज अभी अतिरिक्त हॉस्टल चलाने में सक्षम नहीं है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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