विशेष संवाददाता, धनबाद.
भाजपा धनबाद महानगर जिला कमेटी की घोषणा के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसे लेकर कई वरिष्ठ नेता भी कूद पड़े हैं. बड़े नेता बिना सामने आये अंदर ही अंदर मोर्चाबंदी में जुटे हैं. इधर, केंद्रीय एवं प्रदेश नेतृत्व अगले कुछ माह में यहां विधानसभा चुनाव को देखते हुए विवाद बढ़ने नहीं देना चाहते. एक-दो दिनों में यहां पार्टी के एक प्रदेश महामंत्री आयेंगे और सभी पक्षों के साथ बैठक करेंगे. जानकारी के अनुसार भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने धनबाद महानगर में चल रहे विवाद को गंभीरता से लिया है. सोशल मीडिया पर लगातार हो रहे पोस्ट तथा विक्षुब्धों की खुली बगावत को देखते हुए प्रदेश महामंत्री को धनबाद जाने के लिए कहा गया है. संभवत: प्रदेश महामंत्री सह राज्यसभा सदस्य प्रदीप वर्मा मंगलवार या बुधवार को धनबाद आयेंगे. उन्हें अगले विधानसभा चुनाव के लिए धनबाद का प्रमंडलीय प्रभारी भी बनाया गया है. अब तक इस मुद्दे पर प्रदेश नेतृत्व कुछ भी खुलकर बोलने से बच रहा है. कुछ बड़े नेताओं को भी मैनेज करने की जिम्मेदारी दी गयी है. प्रदेश से आने वाले पदाधिकारियों को विरोध करने वाले नेताओं से अलग-अलग तथा कुछ के साथ समूह में बैठक करने को कहा गया है. प्रयास यह है कि विधानसभा चुनाव तक यह विवाद ठंडे बस्ते में चला जाये.आसान नहीं होगा विवाद सुलझाना :
धनबाद भाजपा महानगर विवाद को सुलझाना प्रदेश नेतृत्व के लिए आसान नहीं होगा. जिस तरह से यहां विवाद बढ़ा है, उसे देखते हुए पार्टी नेतृत्व को कड़ा फैसला लेना पड़ सकता है. कई बड़े नेता अपने समर्थकों को आगे कर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. सबकी नजर विधानसभा चुनाव में टिकट पर है. सूत्रों के अनुसार भाजपा धनबाद की छह में से पांच सीट पर खुद तथा एक सीट सहयोगी दल को देने के मूड में है. हालांकि, यहां के नेता सभी छह सीटों पर लड़ने की तैयारी में हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है