धनबाद.
शिक्षकों के सतत पेशेवर विकास के लिए 50 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाना है. इसके लिए झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रांची के सचिव उमा शंकर सिंह ने डीइओ व डीएसइ को निर्देश दिया है. इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षकों के सतत पेशेवर विकास के लिए कम से कम 50 घंटे के प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया है. इसका उद्देश्य शिक्षक को स्वयं में सुधार करने के लिए और पेशे से संबंधित आधुनिक विचार, नवीनतम शिक्षण तकनीक, पद्धति, कौशल और नवाचार को सीखने के लिए अवसर उपलब्ध कराना है. साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान के नवीनतम शिक्षण शास्त्र, अधिगम परिणामों के रचनात्मक शिक्षक, कला एकीकृत, खेल एकीकृत और कहानी आधारित द़ष्टिकोण आदि को करना है. प्रथम से लेकर 12वीं कक्षा तक के सभी सरकारी व गैर सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षक व शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण मिलेगा. ऑफलाइन गैर आवासीय प्रशिक्षण डायट स्तर पर छह घंटे का होगा. यह शिक्षकों की अपेक्षाओं से संबंधित होगा. ऑफलाइन आवासीय प्रशिक्षण जेसीइआरटी में विभिन्न विषयों पर होगा. 20 घंटों के इस आवासीय प्रशिक्षण में अंतिम के दो घंटे शिक्षकों के टीएनए के लिए निर्धारित किया गया है. प्रशिक्षण समय सारिणी कक्षा एक से आठवीं एवं कक्षा नौवीं से 12वीं का अलग-अलग होगा. धनबाद में प्रशिक्षण एक मार्च से 31 मार्च तक कक्षा एक से आठवीं के शिक्षकों और जून में आठवीं से 12 कक्षा के शिक्षकों का आयोजित होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है