धैया सड़क-आइएसएम गेट पर जल जमाव को दूर करने के लिए फिर बनी तकनीकी कमेटी

नगर आयुक्त ने आइएसएम, आरसीडी के साथ की बैठक, तकनीकी पहलुओं पर सर्वे कर रिपोर्ट देने का दिया निर्देश

By Prabhat Khabar News Desk | August 13, 2024 1:34 AM

धैया सड़क-आइएसएम गेट पर जल जमाव को लेकर नगर आयुक्त ने सोमवार को आइएसएम व आरसीडी के साथ बैठक की. जल जमाव की निकासी के लिए तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की गयी. नगर आयुक्त रवि राज शर्मा ने बताया कि तकनीकी पहलुओं पर सर्वे करने के लिए निगम के मुख्य अभियंता व पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता व आइएसएम के उप अधीक्षण अभियंता के नेतृत्व में टीम गठित की गयी है. सर्वे रिपोर्ट के आधार पर डीपीआर तैयार किया जायेगा. आइएसएम से धीरेंद्रपुरम तक 1.04 करोड़ का टेंडर निकला हुआ है. 16 अगस्त को टेंडर है. इस नाला के अलावा और भी विकल्प तलाशा जा रहा है, ताकि जल जमाव की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाये. बैठक में नगर आयुक्त रवि राज शर्मा के अलावा सहायक नगर आयुक्त प्रकाश कुमार, सहायक नगर आयुक्त प्रसुन कौशिक, मुख्य अभियंता अनूप सामंता, कार्यपालक अभियंता चमक लाल मंडल, पथ निर्माण विभाग से सहायक अभियंता पंकज कुमार, आइएसएम के उप अधीक्षण अभियंता व क्षेत्र के जनप्रतिनिधि उपस्थित थे.

जल जमाव क्षेत्रों में मोटर पंप से पानी निकासी का निर्देश :

नगर आयुक्त श्री शर्मा ने बताया कि जल जमाव क्षेत्रों में मोटर पंप से पानी निकासी का निर्देश दिया गया है. जल जमाव से ग्रसित परिवारों को त्वरित समाधान करने को कहा गया है. जब तक जल जमाव पूरी तरह क्लियर नहीं होता है, मोटर पंप से पानी की निकासी की जायेगी.

धैया सड़क पर जल जमाव के लिए कमेटी-कमेटी का खेल :

धैया सड़क पर जल जमाव को लेकर प्रशासनिक स्तर पर कमेटी-कमेटी का खेल चल रहा है. पिछले साल 2023 में भी जल जमाव को लेकर कमेटी बनायी गयी थी. पूर्व उपायुक्त वरुण रंजन के निर्देश पर आइएसएम, आरसीडी व नगर निगम की संयुक्त टीम गठित की गयी थी. तीनों विभागों की ओर से सर्वे किया गया. धैया रानी तालाब से लेकर सिंफर तक नाला के लिए 2.20 करोड़ का डीपीआर तैयार किया गया. डीपीआर में यूटिलिटी शिफ्टिंग का जिक्र नहीं थी. लिहाजा नगर निगम की ओर से बिजली पोल हटाने व अन्य यूटिलिटी के लिए बिजली विभाग से प्राक्कलन मांगा गया. बिजली विभाग की ओर से दो करोड़ से अधिक का प्राक्कलन दिया गया. जितनी की योजना नहीं थी, उससे अधिक यूटिलिटी शिफ्टिंग पर खर्च हो रहा था. लिहाजा यह योजना बीच में ही दम तोड़ दिया. अब फिर एक कमेटी बनायी जा रही है. नयी कमेटी क्या करेगी, यह तो आनेवाला समय ही बतायेगा.

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