इंद्रजीत पासवान, सिजुआबीसीसीएल सिजुआ क्षेत्र की मोदीडीह कोलियरी अंतर्गत तेतुलमुड़ी पैच में संचालित हिलटॉप प्राइवेट लिमिटेड आउटसोर्सिंग कंपनी ने काम करना बंद कर दिया है. उससे कंपनी में कार्यरत सैकड़ों मजदूरों के भविष्य पर संकट उत्पन्न हो गया है. कंपनी ने अपना कार्य समाप्ति के पूर्व ही पैच को बंद कर दिया है. उसके बारे में बताया जा रहा है कि परियोजना को चलाने के लिए बीसीसीएल द्वारा जमीन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. उसके कारण आउटसोर्सिंग कंपनी को परियोजना चलाने में काफी परेशानी हो रही है. फलस्वरूप कंपनी ने अपना कार्य बंद कर ‘नो वर्क नो पे’ का नोटिस लगा दिया है. नोटिस को कार्यस्थल पर चिपका दिया गया है. सभी मशीनों को परियोजना से बाहर निकाल कर कैंप में खड़ा कर दिया है.
दो साल पहले चालू हुई थी हिलटॉप परियोजना
वर्ष 2022 में तेतुलमुड़ी परियोजना को चालू किया गया था. यहां 150 मजदूरों को रोजगार मिला था. परियोजना शुरू होने के बाद आउटसोर्सिंग कंपनी ने प्रतिदिन लगभग 24 हजार टन ओबी हटाने का लक्ष्य निर्धारित किया. उससे एक वर्ष के अंदर ही कंपनी को कोयला प्राप्त हो गया. ओबी के साथ-साथ परियोजना से प्रतिदिन हजारों टन कोयले का उत्पादन किया जाने लगा था. इधर उत्पादन शुरू होने से मोदीडीह कोलियरी के साथ-साथ सिजुआ एरिया की भी स्थिति में सुधार हुआ. परियोजन से स्टीम कोयला ग्रेड 1/2 प्रतिदिन लगभग 2000 हजार टन उत्पादन कर आउटसोर्सिंग कंपनी ने बीसीसीएल को देना शुरू किया. उसे रोड सेल एवं विभिन्न वाशरियों को बेचकर बीसीसीएल ने करोड़ों का मुनाफा कमाया. इसी बीच परियोजना के विस्तारीकरण में 6/10 कॉलोनी आड़े आ गयी. उसे खाली कराने के लिए बीसीसीएल प्रबंधन ने स्थानीय लोगों से कई बार वार्ता की. वार्ता के फलस्वरूप यहां रह रहे लगभग 100 अवैध रूप से रह रहे लोगों को पुनर्वासित कराने में सफलता मिली, किंतु अभी भी 30 लोगों ने कंपनी आवास को खाली नहीं किया. उससे परियोजना का विस्तारीकरण की योजना पर ग्रहण लग गया. फलस्वरूप आउटसोर्सिंग कंपनी ने अपने कार्य को पूरा करने से पूर्व ही 16 अगस्त से अनिश्चितकाल के लिए नो वर्क नो पे की सूचना कार्यस्थल पर चिपका दी और काम बंद कर दिया. इधर परियोजना बंद होने से जहां आउटसोर्सिंग कंपनी को प्रतिदिन 10 लाख का नुकसान उठाना पड रहा है, वहीं उत्पादन कार्य ठप होने से बीसीसीएल को भी करोड़ों की हानि होती है.जल्द शुरू होगा परियोजना विस्तारीकरण : संजय नंदन
परियोजना बंदी के सवाल पर पीओ संजय नंदन ने कहा कि 6/10 में कंपनी के लगभग 150 आवास थे, जिनमें 120 आवास खाली कराने के बाद ध्वस्त कर दिये गये. वर्तमान में यहां लगभग 30 आवास बचे हुएं हैं, उनमें अवैध कब्जा है. इन कब्जाधारियों से आवास को खाली कराने के लिए लगातार प्रबंधन की ओर से प्रयास किया जा रहा है, जिसे अभी तक खाली नहीं कराया जा सका है. फलस्वरूप परियोजना को बंद किया गया. कहा कि इन कब्जाधारियों को पुनर्वास हेतु भूमि चिह्नित कर ली गयी है. जल्द ही सभी को 6/10 से हटाकर चिन्हित क्षेत्र में जमीन मुहैया करा दी जायेगी. इसके बाद परियोजना का विस्तारीकरण का कार्य पूर्व की तरह शुरू हो जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है