अशोक कुमार, धनबाद,
आइआइटी आइएसएम द्वारा संचालित टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (टेक्समिन) खनन उद्योग के लिए हाई स्पीड कम्युनिकेशन सिस्टम तैयार कर रहा है. यह सिस्टम फाइव जी स्पीड पर संचालित होगा. इसकी मदद से खदानों का रियल टाइम सर्विलांस आसान हो जायेगा. साथ ही खदानों में चलने वाले भारी वाहनों की रीयल टाइम निगरानी भी संभव होगी. टेक्समिन इसे टेली-कॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फाउंडेशन (टीटीडीएफ) की मदद से तैयार कर रहा है. टीटीडीएफ ने इसके लिए संस्थान को आठ करोड़ रुपये का फंड दिया है.
क्यों है जरूरत :
अभी देश में अधिकतर खदानें दूर दराज के क्षेत्रों में स्थित हैं. इन खदानों तक संचार की बेहतर व्यवस्था नहीं है. ऐसे में इनकी रीयल टाइम निगरानी संभव नहीं हो पाती है. खदान में कोई हादसा होने पर तुरंत राहत व बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाता है. इन समस्याओं के निदान के लिए दूर दराज में स्थित खदानों तक अलग से हाई स्पीड संचार सेवा शुरू करने के लिए टेक्समिन को यह जिम्मेवारी दी गयी है.
यह फायदा होगा :
टेक्समिन के सीइओ व आइआइटी आइएसएम के उपनिदेशक प्रो धीरज कुमार ने बताया कि इस टेक्नोलॉजी के विकसित होने पर खदानों की हर तरीके से रीयल टाइम मॉनिटरिंग संभव हो पायेगी. हाई स्पीड संचार व्यवस्था की मदद से खदानों में काम करने वाले बड़े मशीनों की भी रीयल टाइम निगरानी संभव होगी. इसकी मदद से पता चल जायेगा कि मशीनों को कब सर्विसिंग की जरूरत है. खदानों के ऊपर ड्रोन से भी निगरानी संभव होगी. ऐसे में एक ही जगह से खदानों की संपूर्ण गतिविधियों की एक साथ निगरानी की जा सकती है. बता दें कि आइआइटी आइएसएम में टेक्समिन की स्थापना केंद्र सरकार की मदद से की गयी है. टेक्समिन खनन उद्योग में नयी टेक्नोलॉजी पर शोध और उन्हें तैयार करता है. इसके साथ खनन उद्योग में नयी तकनीक पर काम करने वाले स्टार्टअप को भी बढ़ावा देता है. इसके लिए टेक्समिन द्वारा स्टार्टअप को फंड के साथ ही मेंटरशिप भी मुहैया कराया जाता है.