50 सालों में हरा भरा हो जायेगा थार मरुस्थल, भारत का मॉनसून होगा प्रभावित

आइआइटी आइएसएम पहुंचे क्लाइमेंट चेंज पर विदेश नीति विशेषज्ञ डॉ शुभ्रोकमल दत्ता ने कहा

By Prabhat Khabar News Desk | August 13, 2024 1:33 AM

इस साल गर्मी के मौसम में तापमान में काफी उछाल देखा गया था. दिल्ली समेत भारत के हर एक राज्य में गर्मी का प्रकोप देखा गया. अब यह मूसलाधार बारिश. इससे जन जीवन प्रभावित हो रहा है. यह कहना है राजनीतिक, आर्थिक व विदेश नीति विशेषज्ञ डॉ शुभ्रोकमल दत्ता का. आइआइटी आइएसएम के व्याख्यान सीरीज में बतौर वक्ता आमंत्रित डॉ दत्ता ने सोमवार को पत्रकारों से बात की. कहा : बीते ठंड के मौसम का हाल भी कुछ अच्छा नहीं था. कई जगहों पर जहां माइनस में तापमान नहीं जाता था, वहां का भी तापमान माइनस में गया. पिछले 25 सालों में जो मौसम में बदलाव हुए हैं, वह चिंता के विषय हैं. इस बदलाव का असर सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया पर पड़ रहा है. भारत की मॉनसूनी हवा अब ईरान, पाकिस्तान की तरफ परिवर्तित हो रहीं. वैज्ञानिकाें के अनुसार अगले 40 से 50 सालों में थार मरुस्थल हरा-भरा हो जायेगा. इसका असर अगले 15-20 सालों में भारत के पूर्वी व दक्षिण भाग में दिखने लगेगा. राजस्थान के कई इलाकों में जिस तरह से फिलवक्त बारिश हो रही है, नये-नये पौधे उपज रहे हैं, ये परिवर्तन की तरफ ही इशारा कर रहे. मरुस्थल में गर्म हवाओं से संतुलन बना रहता है. अगर मरुस्थल में हरियाली आ गयी, तो तापमान 10 डिग्री कम हो जायेगा और संतुलन ही बिगड़ जायेगा. लद्दाख में भी इस बदलाव का असर साफ दिखता है. वहां भी हवा का दबाव कम हो गया है और तापमान भी बढ़ता जा रहा है. विकसित देश बनेगा भारत : भारत के विकास पर दत्ता ने कहा कि भारत 2035 तक आर्थिक स्थिति में दूसरे पायेदान पर आ जायेगा. भारत को अब विकसित देश का दर्जा हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता. यूनाइटेड नेशंस में भी भारत को पक्की सीट देना अब उनकी मजबूरी हो गयी है. बांग्लादेश में हो रहे उपद्रव पर डॉ दत्ता ने कहा कि यह एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र है. बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह समाज और विश्व के लिए सही नहीं है. मामले में पूरे विश्व को मिलकर कुछ करना चाहिए.

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