अंकुश लगेगा एंबुलेंस संचालकों की मनमानी पर
कोरोना काल में मरीजों को अस्पताल ले जाने के नाम पर एंबुलेंस संचालकों की मनमानी पर अंकुश लगेगा. कोविड अस्पताल धनबाद से रिम्स रांची तक एक मरीज को छोड़ने के लिए एक लाख रुपया किराया मांगने के मामले की प्रशासनिक जांच शुरू हो गयी है. शनिवार को प्रभात खबर में छपी खबर ‘धनबाद से रांची तक का एंबुलेंस किराया मांगा एक लाख रुपये!’ पर जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया है.
एक लाख किराया मांगने वाले मामले की प्रशासनिक जांच शुरू
धनबाद : कोरोना काल में मरीजों को अस्पताल ले जाने के नाम पर एंबुलेंस संचालकों की मनमानी पर अंकुश लगेगा. कोविड अस्पताल धनबाद से रिम्स रांची तक एक मरीज को छोड़ने के लिए एक लाख रुपया किराया मांगने के मामले की प्रशासनिक जांच शुरू हो गयी है. शनिवार को प्रभात खबर में छपी खबर ‘धनबाद से रांची तक का एंबुलेंस किराया मांगा एक लाख रुपये!’ पर जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया है.
अनुमंडल दंडाधिकारी राज महेश्वरम ने मामले की पड़ताल शुरू की. एक लाख रुपया किराया मांगने वाले एंबुलेंस चालक से पूछताछ की. पीड़ित परिवार के सदस्य का भी बयान दर्ज किया. ऑडियो रिकॉर्डिंग में दर्ज बातों का सत्यापन किया. कहा कि कोविड के नाम पर मनमानी नहीं चलेगी. मरीजों तथा उनके परिजनों को परेशान करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. जल्द ही अलग-अलग स्थानों के लिए निजी एंबुलेंस का किराया तय किया जायेगा.
कोरोना के नाम पर हो रही मनमानी : कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद निजी एंबुलेंस संचालक मनमानी किराया मांगते हैं. खासकर कोविड पॉजिटिव मरीज को धनबाद से बाहर दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए मोटी राशि की मांग की जाती है. इससे मरीज व उनके परिजनों की परेशानी बढ़ी है.