शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) स्थित कल्चर एंड डीएसटी लैब में ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों की जांच से संबंधित लाखों रुपये के रिएजेंट किट एक्सपायर होने का मामला प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है. राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ कमलेश कुमार द्वारा गुरुवार को एसएनएमएमसीएच स्थित कल्चर एंड डीएसटी लैब का निरीक्षण के दौरान लगभग 30 लाख रुपये के रिएजेंट किट एक्सपायर होने की जानकारी मिली. लंबे समय से लैब के बंद होने पर रिएजेंट किट का इस्तेमाल नहीं हो सका. रिएजेंट किट एक्सपायर होने का मामला प्रकाश में आने के बाद राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ कमलेश कुमार ने लैब में रखे मशीनों की जांच का निर्देश दिया है. बता दें कि विगत छह माह से ज्यादा समय से कल्चर एंड डीएसटी लैब में जांच पूरी तरह बंद है. लैब की एकमात्र चिकित्सक के मैटरनिटी लीव पर चले जाने के बाद से लैब में टीबी मरीज के सैंपलों की जांच बंद कर दी गयी है. वर्तमान में लैब में ताला लगा हुआ है. राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी के निरीक्षण को लेकर गुरुवार को लगभग चार महीनों के बाद लैब का ताला खोला गया था.
लैब में मौजूद है 3.5 करोड़ की मशीनें :
बता दें कि सात वर्ष पूर्व एसएनएमएमसीएच में साढ़े चार करोड़ रुपये की लागत से कल्चर एंड डीएसटी लैब की स्थापना की गयी. इसमें लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये की मशीनें लगायी गयी है. जिन मरीजों पर टीबी के इलाज से जुड़ी अधिकतर दवाइयां बेअसर साबित होती हैं, उन मरीजों का कल्चर एंड डीएसटी लैब में एक्सडीआर यानी एक्सट्रा ड्रग रेजिस्टेंस जांच की जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है