विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट के दावेदारों की धड़कनें तेज हो गयी है. दुर्गा पूजा के दौरान ही भाजपा की पहली सूची जारी होने की संभावना को देखते हुए दावेदारों ने धनबाद से रांची, दिल्ली तक लॉबिंग तेज कर दी है. सब आखिरी मौका पर भी जुगाड़ बनाने में लगे हुए हैं.
धनबाद विस क्षेत्र है सबसे सेफ व हॉट सीट :
भाजपा के अंदर सबसे ज्यादा मारामारी धनबाद विधानसभा सीट को लेकर है. कभी कांग्रेस का गढ़ माने जाना वाला धनबाद सीट अब पूरी तरह से भाजपा के लिए सबसे सेफ सीट बन चुका है. पिछले छह विधानसभा चुनाव में पांच बार यहां से भाजपा विजयी हुई है. सिर्फ एक बार 2009 में कांग्रेस जीती, वह भी बहुत कम अंतर से. जबकि एक समय यह स्थिति थी कि 1977 में जब पूरे देश में कांग्रेस विरोधी लहर थी, तब भी धनबाद विस क्षेत्र से कांग्रेस ही जीती थी. आज धनबाद पूरी तरह भगवा गढ़ में तब्दील हो चुका है. धनबाद से टिकट के अधिकांश दावेदार अभी दिल्ली में कैंप किये हुए हैं. जबकि कुछ रांची में हैं. कुछ दावेदार अपने-अपने आका पर दबाव बनाये हुए हैं.बाघमारा, सिंदरी में परिवर्तन तय :
धनबाद जिला में भाजपा के पास अभी चार विधानसभा सीट है. इसमें धनबाद, सिंदरी, निरसा व बाघमारा विस सीट है. 2019 चुनाव में बाघमारा से जीत हासिल करने वाले ढुलू महतो अब धनबाद के सांसद बन चुके हैं. इसलिए यहां पार्टी किसी नये प्रत्याशी पर दावं लगायेगी. बाघमारा में तीन प्रत्याशी रेस में हैं. इसी तरह सिंदरी के विधायक इंद्रीजत महतो गंभीर रूप से बीमार हैं. वह पिछले तीन वर्षों से हैदराबाद में इलाजरत हैं. उनके स्थान पर किसी नये चेहरे को इस बार चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी है. इसमें विधायक की पत्नी या किसी दूसरे प्रत्याशी को मौका मिल सकता है. निरसा से भी टिकट के लिए कई लोग रेस में हैं. झरिया से टिकट के लिए बहुत मारा-मारी नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है