धनबाद में खुलेंगे पांच माइग्रेंट सेंटर, कोविड बेड की संख्या बढ़ेगी
धनबाद : धनबाद जिला में कोविड बेड की संख्या बढ़ायी जायेगी. साथ ही बड़े क्वारंटाइन व माइग्रेंट सेंटर खोले जायेंगे ताकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके.सोमवार को उपायुक्त अमित कुमार की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में उक्त निर्णय लिया गया. बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल, जिला […]
धनबाद : धनबाद जिला में कोविड बेड की संख्या बढ़ायी जायेगी. साथ ही बड़े क्वारंटाइन व माइग्रेंट सेंटर खोले जायेंगे ताकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके.सोमवार को उपायुक्त अमित कुमार की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में उक्त निर्णय लिया गया. बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल, जिला परिषद के अध्यक्ष रोबिन चंद्र गोरांई, उप विकास आयुक्त बाल किशुन मुंडा, अपर समाहर्ता श्याम नारायण राम, सिविल सर्जन डॉ गोपाल दास, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी संजय झा, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के दोनों कार्यपालक अभियंता मौजूद थे. बैठक में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए चल रहे कार्यक्रमों की समीक्षा की गयी. बैठक में तय हुआ कि यहां कोविड बेड की संख्या बढ़ायी जाये. पांच सौ कोविड बेड तैयार करने पर सहमति बनी.
कुछ कैथ लैब को भी कोविड अस्पताल में तब्दील करने पर भी विचार हुआ. साथ ही पहले से तय छोटे क्वारंटाइन सेंटर की जगह बड़े क्वारंटाइन सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया. राजकीय पॉलिटेक्निक धनबाद, राजकीय पॉलिटेक्निक निरसा, टुंडी का नवनिर्मित स्वास्थ्य केंद्र व पीएमसीएच छात्रावास को माइग्रेंट सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया. इन केंद्रों पर वैसे लोगों को रखा जायेगा जो पहले किसी क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिन रह चुके हैं. साथ ही असंक्रमित होते हुए भी उन्हें आगे भी क्वारंटाइन में रखने की जरूरत है. बीसीसीएल के भूली एवं जियलगोरा क्षेत्रीय अस्पतालों तथा मंडल रेल अस्पताल को नया क्वारंटाइन सेंटर बनाया जायेगा.कंन्टेंमेंट जोन में होगी बेरिकेडिंगबैठक में कुमारधुबी तथा डीएस कॉलोनी एवं अजंतापाड़ा, जिसे कंन्टेंमेंट जोन बनाया गया है में सुरक्षा सख्त करने का निर्णय लिया गया. इन सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे. इन क्षेत्रों के उपद्रवी तत्वों को भी चिह्नित करने को कहा गया. साथ ही बेरिकेडिंग भी करायी जायेगी. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के दोनों प्रमंडलों के कार्यपालक अभियंताओं से खराब पड़े चापानलों की सूची मांगी गयी. कितने चालू हैं तथा खराब पड़े चापानलों को ठीक कराने में कितनी राशि खर्च होगी का ब्योरा मांगा गया.