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Dhanbad News : रेगुलेटर नहीं होने के कारण एसआइसीयू में एक घंटे तक ऑक्सीजन के लिए तड़पती रही मरीज

प्रभात लाइव : ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगाकर बचायी गयी महिला की जान, एजेंसी द्वारा रेगुलेटर बदलने के कार्य में बरती जा रही लापरवाही के कारण मौत के मुंह में जाने से बची महिला

शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) के एसआइसीयू में शुक्रवार की रात रेगुलेटर नहीं होने के कारण महिला मरीज ऑक्सीजन के लिए तड़पती रही. स्वास्थ्य संबंधित शिकायत के बाद मनईटांड़ गांधीनगर की रहने वाली ललिता देवी को इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच के एसआइसीयू में भर्ती कराया गया है. शुक्रवार की रात अचानक उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी. परिजन बार-बार स्वास्थ्य कर्मियों के पास जाकर ऑक्सीजन देने की गुहार लगाते रहे. बैठ के समीप रेगुलेटर मशीन नहीं लगी होने के कारण उसे समय रहते ऑक्सीजन नहीं दिया जा सका. बाद में स्वास्थ्य कर्मियों ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के जरिए ललिता देवी को ऑक्सीजन मुहैया कराया. तब जाकर उसकी जान बच सकी. बता दें कि एसएनएमएमसीएच के एसआइसीयू में मरीज के बेड के समीप लगाये गये ऑक्सीजन रेगुलेटर मशीन खराब हो गया है. वहीं कुछ चोरी हो गये हैं.

एजेंसी की लापरवाही से जाते-जाते बची महिला की जान :

बता दें की एसआइसीयू में लगे उपकरणाें के मेंटेनेंस की जिम्मेवारी निजी एजेंसी अपेक्स इंडिया को सौंपी गयी है. इस वार्ड से जुड़े सभी प्रकार की सामग्री खराब होने पर बदलने की जिम्मेदारी इसी एजेंसी की है. एजेंसी की लापरवाही के कारण शुक्रवार की रात महिला के जान पर बन आयी. जबकि अस्पताल प्रबंधन ने दाे दिन पूर्व खराब रेगुलेटर मशीन को बदलने का निर्देश एजेंसी को दिया है. एजेंसी ने रेगुलेटर बदलने का कार्य शुरू किया. एजेंसी के प्रतिनिधि रेगुलेटर मशीन लेकर एसआइसीयू पहुंचे, लेकिन लगाए बिना ही लौट गये.

मेंटेनेंस में हर माह लाखों रुपये खर्च :

बता दें कि एसएनएमएमसीएच स्थित एसआइसीयू के मेंटेनेंस में हर माह अस्पताल प्रबंधन लाखों रुपए खर्च करती है. बावजूद इस वार्ड में मरीज के इलाज से जुड़े संसाधनों का घोर अभाव है. कई उपकरण रखरखाव के अभाव में खराब हो चुके हैं. मेंटेनेंस का नाम पर उक्त एजेंसी सिर्फ खानापूर्ति करने में लगी हुई है.

जानिए, क्यों जरूरी है रेगुलेटर मशीन :

ऑक्सीजन रेगुलेटर एक मेडिकल डिवाइस है, जो ऑक्सीजन सिलेंडर से ऑक्सीजन की आपूर्ति को नियंत्रित करता है. यह डिवाइस ऑक्सीजन की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है जो रोगी को दी जाती है, ताकि उन्हें सुरक्षित और प्रभावी तरीके से ऑक्सीजन मिल सके. इस मशीन का मुख्य कार्य ऑक्सीजन की मात्रा को नियंत्रित करना, ऑक्सीजन के दबाव को नियंत्रित करना, ऑक्सीजन की आपूर्ति को स्थिर बनाना आदि में किया जाता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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