वॉलीबॉल कोचिंग सेंटर में होता है शराबियों का जमावड़ा, फोड़ते हैं शराब की बोतल

धनबाद के वॉलीबॉल खिलाड़ियों को नहीं मिल रही है सुविधा, 53 वर्षों में वॉलीबॉल खिलाड़ियों ने जिला, राज्य व राष्ट्रीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता में झारखंड टीम का प्रतिनिधित्व हर वर्ग में किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 10, 2023 9:30 AM

हीरापुर चिल्ड्रन पार्क में चलने वाले वॉलीबॉल कोचिंग सेंटर के खिलाड़ियों की परेशानी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. यहां अभ्यास के पहले ग्राउंड में टूटी हुई शराब की बोतल की कांच चुननी पड़ती है. नगर निगम प्रशासक के प्रयास से वॉलीबॉल मैदान का जीर्णोद्धार हुआ था. दर्शक की बैठने की गैलरी व महिला खिलाड़ियों का चेंजिंग रूम बना. पार्क के चारों तरफ लोहे से बैरिकेडिंग करायी गयी थी.

लेकिन, नगर निगम ने बिना कोई नोटिस दिये बैरिकेडिंग फेंसिंग को जेसीबी से उखाड़ कर हटा दिया. इसका नतीजा यह हुआ है कि सांड़ और अन्य जानवर अचानक अंदर आ जाते हैं. इस कारण खिलाड़ियों को अभ्यास बीच में ही छोड़कर जाना होता है. पिछले कई दशक से यहां सेंटर का संचालन किया जा रहा है. फेंसिंग के नहीं रहने से यहां असामाजिक तत्वों, नशेड़ियों व जुआरियों का जमावड़ा रात में लगता है.

जिला के सुदूर क्षेत्र से भी आते हैं खिलाड़ी

धनबाद जिला वॉलीबॉल संघ से निबंधित वॉलीबॉल कोचिंग सेंटर की स्थापना पार्क में वर्ष 1969 में हुई थी. यहां नियमित रूप से 400 से ज्यादा खिलाड़ी अभ्यास करते हैं. इसमें सुदूर क्षेत्र के खिलाड़ी भी शामिल है.

कई टूर्नामेंट का होता है आयोजन

इस वॉलीबॉल मैदान में बिहार राज्य के समय से ही अंतर स्कूल अंतर जिला वॉलीबॉल चैंपियनशिप विश्वविद्यालय वॉलीबॉल टूर्नामेंट सहित अन्य वॉलीबॉल टूर्नामेंट का आयोजन आज तक होता रहा है.

खिलाड़ियों के पैर में चुभ जाता है शीशा

सेंटर के संचालक सूरज प्रकाश लाल ने बताया कि दर्शक गैलरी के अगल-बगल कार खड़ी करके नशेड़ी यहां शराब पीते हैं और जाते समय बोतल तोड़ कर ग्राउंड में फेंक देते हैं. सुबह में अभ्यास के दौरान कई बार खिलाड़ियों के पैर में शीशा चुभ जाता है. ग्राउंड के पास ही कई जेनरेटर लगा है और उसके धुआं से भी खिलाड़ियों को काफी परेशानी होती है.

यहां से निकले खिलाड़ियों ने बनायी है पहचान

इस मैदान में विगत 53 वर्षों में वॉलीबॉल खिलाड़ियों ने जिला, राज्य व राष्ट्रीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता में झारखंड टीम का प्रतिनिधित्व हर वर्ग में किया है. कई खिलाड़ियों ने एनआइएस डिप्लोमा कोर्स वॉलीबॉल प्रशिक्षक की डिग्री बीपीएड, एमपीएड की डिग्री प्राप्त कर अपनी योग्यता व प्रमाण पत्र के आधार पर लगभग दर्जनों खिलाड़ियों ने सरकारी और अर्ध सरकारी विश्वविद्यालय, सीबीएसइ, आइसीएससी स्कूल एवं रेलवे, बीएसएफ, सीआइएसएफ में नौकरी प्राप्त की है.

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