धनबाद मंडल कारा में तीन दिसंबर 2023 को गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या के पीछे का मूल कारण अमन सिंह और आशीष सिंह उर्फ छोटू का विवाद है. वर्चस्व को लेकर अमन सिंह हत्या हुई. मामले में फरार अपराधी आशीष रंजन ने घटना के कुछ घंटे बाद ही एक ऑडियो वायरल कर हत्या की जिम्मेदारी ली थी. जबकि सीआइडी जांच में भी आशीष रंजन उर्फ छोटू और यूपी का रिंकू सिंह का नाम आया, लेकिन घटना के आठ माह बीत जाने के बाद भी पुलिस आशीष रंजन और रिंकू तक नहीं पहुंच पायी है. दूसरी ओर सीआइडी की जांच जारी है. जमीन कारोबारी समीर मंडल की हत्या 23 जुलाई 2019 को वीर कुंवर सिंह नगर में हुई थी. हत्या के बाद पुलिस ने अनुसंधान के दौरान शूटर आशीष रंजन को 2020 में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. उस समय धनबाद जेल में पहले से अमन सिंह था. जेल में ही दोनों की दोस्ती हुई. बाद में आशीष रंजन जेल से बाहर निकला और अमन सिंह के लिए काम करने लगा. समीर हत्याकांड में आशीष के साथ गांधी भी जेल गया हुआ था. दोनों बाहर निकलने के बाद अमन के खास गुर्गा बन गये थे. अमन सिंह का बाहरी काम आशीष रंजन देखता था. जेल से लोगों को धमकी देना अमन के लिए आम बात थी. वहीं बाहर रह कर आशीष अमन के इशारे पर काम करता था. बाद में रंगदारी के पैसे को लेकर अमन और आशीष में विवाद शुरू हो गया. अमन सिंह, आशीष रंजन को हटाने की योजना बनाने लगा. इसकी भनक लगते ही आशीष ने भी अमन सिंह की हत्या की साजिश रची और सुंदर महतो उर्फ रितेश के हाथों जेल में हत्या करा दी. पुलिस सूत्रों ने बताया कि आशीष रंजन अभी भी अपने कई लोगों के संपर्क में है. हालांकि अमन सिंह की हत्या के बाद से वह नेपाल में छिपा हुआ है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है