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DHANBAD NEWS : कलश स्थापन के साथ जूता-चप्पल पहनना छोड़ देते हैं ग्रामीण

चुटियारो गांव में 1948 से पुराने रीति- रिवाज से हो रही मां की आराधना

बरवाअड्डा क्षेत्र के चुटियारो गांव में वर्ष 1948 से पुराने रीति-रिवाज से मां दुर्गा की आराधना होती है. ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव में पहले लखन चौधरी के घर में स्थापित शिरा घर (कुल देवी, देवता मंदिर) में पूर्वजों ने मिट्टी का घट रखकर दुर्गा पूजा शुरू की थी. इसके बाद पूजा स्थल फर भीड़ बढ़ने के कारण ग्रामीणों ने बैठककर चुटियारो गोलघर के समीप 1987 में भव्य दुर्गा मंदिर का निर्माण कराया. गांव के सुख, शांति के लिए पूरे गांव की पूजा व चंडीपाठ एकसाथ मंदिर में होती है. मां दुर्गा के प्रति पूरे गांव में श्रद्धा ऐसी कि कलश स्थापन व चंडीपाठ के साथ मां दुर्गा की आराधना शुरू होते ही चुटियारो गांव के सभी लोग जूता, चप्पल पहनना छोड़ देते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि मां दुर्गा के सम्मान में पुरानी पंरपरा का अनुसरण करते हुए हमलोग जूता, चप्पल पहनना छोड़ देते हैं. कहीं बाहर जाने पर ही जूता, चप्पल पहनते हैं.

पैंट पहनकर मंदिर में प्रवेश वर्जित :

चुटियारो दुर्गा मंदिर में पैंट, शर्ट पहनकर मंदिर आनेवाले व्यक्ति काे प्रवेश नहीं दिया जाता है. धोती, गंजी व कंधे में गमछा लिए भक्त को ही मंदिर में प्रवेश करते हैं. महिलाएं भी पारंपरिक ड्रेस साड़ी पहनकर मंदिर आती हैं. वहीं मंदिर के यजमान (पुजारी) पूजा के दौरान हर दिन नया कपडा पहनकर पूजा में बैठते हैं. पूजा का सारा खर्च गांव सभी लोग मिलकर उठाते हैं.

मंदिर चढ़ता है घर का बना हुआ पकवान : पूजा के दौरान गांव की महिलाएं घी से देहरी, पुआ, मलपुआ व अनरसा समेत विभिन्न प्रकार के पकवान बनाकर दुर्गा मंदिर में चढातीं हैं. रोजाना शाम को मंदिर में दीया जलाती हैं. विजया दशमी को बड़ा तालाब में प्रतिमा विसर्जन होता है.

बड़ा तालाब से लायी जाती नवपत्रिका :

सप्तमी तिथि को पूरे गांव की महिलाएं व पुरुष गाजे-बाजे के साथ गांव स्थित बड़ा तालाब जाते हैं. यहां पुरोहित राधा गोविंद ओझा, गुरु पुरोहित अजीत कुमार मिश्रा व पंडित गौरचंद्र पांडेय विधि-विधान से पूजा करा कलश में जल भरवाते हैं. फिर नाचते, गाते भक्त दुर्गा मंदिर पहुंचते हैं. जहां पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच नवपत्रिका को स्थापित किया जाता है. इस बार नौ दिवसीय पाठ के ग्रामीणों द्वारा चयनित यजमान विरंजी सिंह चौधरी हैं.

पूजा को सफल बनाने में ये हैं सक्रिय :

ममलेश्वर सिंह चौधरी, प्रेम नाथ सिंह चौधरी, भोला नाथ सिंह चौधरी, वरूण सिंह चौधरी, प्रह्लाद सिंह चौधरी, महेश्वर सिंह चौधरी, प्रफुल सिंह चौधरी, संजीव सिंह चौधरी, योगेश चौधरी, नंदकिशोर चौधरी, हेमंत सिंह चौधरी, प्रवीण सिंह चौधरी, नित्यानंद चौधरी, अरविंद सिंह चौधरी, संतोष सिंह चौधरी, अरुप सिंह चौधरी, जयकुमार सिंह चौधरी, आनंद सिंह चौधरी, सुमिरन चौधरी, संटु चौधरी, रमेश सिंह चौधरी, पिंटू चौधरी, अरविंद चौधरी, नित्यानंद सिंह चौधरी, राकेश सिंह चौधरी, गौतम सिंह चौधरी, नंदलाल सिंह चौधरी आदि.

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