Dhanbad News : एसएनएमएमसीएच में जल्द होगी मेजर सर्जरी, 2.25 करोड़ से बनेंगे तीन मॉड्यूलर ओटी
स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने दी मंजूरी, गायनी, ऑर्थो व सर्जरी विभाग में बनेंगे आधुनिक ऑपरेशन थियेटर, नये साल में शुरू हो जायेगा ओटी का निर्माण कार्य
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) धनबाद में तीन नये मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर का निर्माण होगा. स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने निर्माण को स्वीकृति प्रदान करने के साथ 2.25 करोड़ रुपये आवंटित कर दिये हैं. अस्पताल के गायनी, ऑर्थो व सर्जरी विभाग में मॉड्यूलर ओटी बनेगा. सबसे ज्यादा ऑपरेशन इन्हीं विभागों में होते हैं. ऐसे में इन विभागों का चयन मॉड्यूलर ओटी के लिए किया गया है. स्वास्थ्य मुख्यालय के निर्देश पर एसएनएमएमसीएच प्रबंधन ने इसके लिए स्थान का चयन कर अपनी रिपोर्ट पहले ही सौंप दी थी. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार नये साल में अस्पताल में ओटी का निर्माण शुरू कर दिया जायेगा. अत्याधुनिक उपकरणों से लैस इन मॉड्यूलर ओटी में मरीजों का बड़ा से बड़ा ऑपरेशन संभव हो सकेगा. बता दें कि धनबाद समेत 13 जिलों में मॉड्यूलर ओटी निर्माण की अनुमति स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली है. इनमें तीन मेडिकल कॉलेज समेत जिलों के सदर अस्पताल व विभिन्न स्वास्थ्य केंद्र शामिल है. कुल 39 मॉड्यूलर ओटी निर्माण की योजना है.
गन शॉट के मरीजों का हो सकेगा ऑपरेशन :
एसएनएमएमसीएच में मॉड्यूलर ओटी का निर्माण होने के बाद यहां गन शॉट के मरीजों का भी ऑपरेशन संभव होगा. अबतक गन शॉट से जुड़े ज्यादातर मामलों से संबंधित मरीजों को रिम्स रेफर कर दिया जाता है. वर्तमान में अस्पताल का ओटी पुराना है. इसमें जरूरत के अनुसार उपकरणों की भी कमी है.मेजर सर्जरी में मिलेंगी ये सुविधाएं :
मॉड्यूलर ओटी में हेपा फिल्टर लगा होता है, जो बैक्टीरिया व वायरस को फिल्टर कर देता है. इससे वे अंदर नहीं आ पाते और संक्रमण का डर नहीं रहता. ह्यूमिडिटी (आर्द्रता) कंट्रोल रहती है. कारण नमी का स्तर मापदंड से कम या ज्यादा होने पर बैक्टीरिया पनपने का डर रहता है. मॉड्यूलर ओटी पूरी तरह एसी युक्त होता है. ओटी में हर घंटे में 15-20 बार एयर चैलेंज होते हैं. इसके लिए ओटी में एयर हैंडलिंग यूनिट लगे होते हैं, जो एयर को मापदंड के अनुसार रखते है. ओटी लाइट 10 लाख लक्स लीटर की होती है. ओटी में सारे उपकरण डिजिटल व हाइटेक होते हैं. इसमें नाइट्रोजन, ऑक्सीजन व अन्य गैसों के लिए एक ही प्लेटफाॅर्म होता है. मेन ओटी में पहुंचने से पहले तीन चेंबर होते हैं. ऑपरेशन ओटी के दरवाजे अपने-आप खुलने और बंद होने वाले होते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है