मारपीट के मामले में तीन सगे भाइयों को एक माह की सजा

अदालत से : एक वर्ष तक शांति बनाये रखने के लिए दोषियों से बांड भरवाया गया

By Prabhat Khabar News Desk | July 19, 2024 1:40 AM

अपने ही भाई व भाभी के साथ मारपीट करने के मामले में गुरुवार को अवर न्यायाधीश श्वेता कुमारी की अदालत ने फैसला सुनाया. अदालत ने गोविंदपुर थाना क्षेत्र के नवातोड़ निवासी मो हसनैन अंसारी, आलमगीर अंसारी व मो शाकिर अंसारी को भादवि की धारा 323 में दोषी पाकर एक माह की कैद की सजा सुनायी है. साथ ही एक वर्ष तक शांति बनाये रखने के लिए दोषियों से बांड भरवाया. तीनों आरोपी सूचक के सगे भाई हैं. अभियोजन का संचालन सहायक लोक अभियोजक वर्षा द्विवेदी ने किया. 10 मार्च 2022 को मो शकील अंसारी ने अपने तीन सगे भाइयों के खिलाफ गोविंदपुर थाना में प्राथमिकी कांड संख्या 71/22 दर्ज करायी थी. इसके मुताबिक तीन फरवरी 2022 को रात साढ़े नौ बजे मो शकील अंसारी अपने रिश्तेदार के यहां से घर वापस लौटा, तो देखा कि घर का दरवाजा बंद है. उसने दरवाजा खटखटाया तो उसके भाई आलमगीर अंसारी दरवाजा खोला और उसके साथ मारपीट करने लगा. जब उसकी पत्नी सितारा खातून बचाने आई, तो उससे भी मो हसनैन अंसारी व मो शाकिर अंसारी ने मारपीट की. हल्ला सुनकर गांव के लोगों ने आकर पति पत्नी को बचाया.

महेंद्र हत्याकांड में दशरथ मंडल का बयान दर्ज :

बगोदर के माले विधायक महेंद्र सिंह हत्याकांड की सुनवाई गुरुवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में हुई. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेल में बंद हार्डकोर नक्सली रमेश दा ऊर्फ साकिन दा को अदालत में पेश किया गया. अभियोजन की ओर से सीबीआई ने गवाह दशरथ मंडल की गवाही करायी. उसने घटना का समर्थन किया, लेकिन किसी को पहचानने से इनकार किया. अदालत ने गवाह पेश करने का आदेश दिया है. अब इस मामले की सुनवाई 19 जुलाई को होगी.

पुलिस पर जानलेवा हमला मामले में छह आरोपियों को नहीं मिली जमानत :

महुदा थाना के सहायक अवर निरीक्षक महेंद्र राम पर किये गये जानलेवा हमला और जाति सूचक शब्द का प्रयोग करने के मामले में आरोपित महुदा थाना अंतर्गत भक्तुडीह निवासी विजय गोप, विक्रम गोप, रंजीत गोप, अनिता देवी व ललिता देवी की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजीत कुमार सिंह की अदालत में हुई. बचाव पक्ष से अधिवक्ता राधेश्याम गोस्वामी ने बहस की. वहीं एससी एसटी के विशेष लोक अभियोजक जयदेव बनर्जी ने जमानत का कड़ा विरोध किया. अदालत उभय पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत देने से इंकार करते हुए अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दी. बताते चलें कि तीन जून 2024 को साढ़े बारह बजे दोपहर को महुदा थाना प्रभारी को सूचना मिली कि भक्तुडीह में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच मारपीट हो रही है. थाना प्रभारी के निर्देशानुसार महेंद्र राम, मनोज लकड़ा, नंदन सिंह व महिला पुलिस यशोदा देवी, पानकली देवी के साथ घटना स्थल पर पहुंचे, तभी आरोपियों ने महेंद्र राम पर जान लेवा हमला किया और जाति सूचक शब्द का प्रयोग किया.

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