ठगों ने हाउसिंग कॉलोनी में खोल रखा था फूड सेफ्टी कार्यालय, हर माह दुकानदारों से वसूली के लिए बहाल कर रखे थे कर्मी
नकली फूड सेफ्टी ऑफिसर बन दुकानदारों को ठगने के मामले में स्वास्थ्य विभाग की जांच में कई जानकारी मिली
नकली फूड सेफ्टी ऑफिसर बन धनबाद जिला के विभिन्न दुकानों से लाखों रुपये की ठगी मामले में स्वास्थ्य विभाग की जांच में कई चौकाने वाली जानकारी सामने आयी है. फूड सेफ्टी अधिकारी राजा कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ठगों ने हाउसिंग कॉलोनी स्थित दादा-दादी पार्क के पास फूड सेफ्टी का कार्यालय खोल रखा था. मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हाउसिंग कॉलोनी पहुंचकर जांच-पड़ताल की. पता चला कि लगभग 15 दिन से किराए पर चल रहा यह कार्यालय बंद है. मकान मालिक से संचालक का नंबर प्राप्त कर आगे की जांच शुरू कर दी गयी है. फूड सेफ्टी अधिकारी राजा कुमार ने बताया कि जांच में ठगों का बड़ा सिंडिकेट होने की जानकारी मिल रही है. जल्द ही इस संबंध में और जानकारी जुटाकर ठगों के खिलाफ मामला दर्ज करायेंगे.
कुछ दिन पूर्व निकाली थी फर्जी बहाली :
स्वास्थ्य विभाग की जांच में यह जानकारी भी मिली है कि ठगों ने कुछ दिन पूर्व फूड सेफ्टी विभाग के नाम पर फर्जी बहाली निकाली थी. इसके लिए हाउसिंग कॉलोनी में इंटरव्यू लेने के बाद कुछ कर्मियों को बहाल भी किया. ठगों द्वारा बहाल कर्मी हर माह दुकानदारों के पास जाकर पैसा वसूलते हैं.बनारस का दीपक नाम का युवक कर रहा था कार्यालय का संचालन :
फूड सेफ्टी अधिकारी राजा कुमार ने बताया कि जांच में पता चला है कि बनारस का रहने वाला दीपक नामक युवक हाउसिंग कॉलोनी में कार्यालय का संचालन कर रहा था. हाउसिंग कॉलोनी स्थित कार्यालय के बाहर बोर्ड में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एसोसिएशन ऑफ इंडिया अंकित है. इसमें एफएसएसएआइ का लोगो भी है.जाने क्या है मामला :
फूड इंस्पेक्टर राजा कुमार को जानकारी मिली कि दो लोग नकली फूड सेफ्टी अधिकारी बनकर दुकानदारों से ठगी कर रहे हैं. इसके बाद जांच शुरू की गयी. इसमें पता चला कि दो युवक पिछले कई दिनों से बरवाअड्डा, गोविंदपुर, निरसा, टुंडी, बलियापुर, ताेपचांची और आसपास के क्षेत्रों में फूड सेफ्टी अधिकारी बन दुकानदारों का फाइन काट रहे हैं. सभी को खाद्य सुरक्षा मानक प्रमाणन की रसीद काटकर दी जा रही है. किसी से 1500 तो किसी से एक हजार रुपये जुर्माना वसूला गया. जांच के दौरान दो युवकों की तस्वीर भी विभाग को मिली है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है