माइनिंग अधिकारी बनने को सेकेंड क्लास पास होना काफी
कोल इंडिया. माइनिंग संवर्ग के गैर अधिकारी से अधिकारी वर्ग में चयन व पदोन्नति की नीति में संशोधन
वरीय संवाददाता, धनबाद.
बीसीसीएल, इसीएल व सीसीएल समेत कोल इंडिया व उसकी सहायक कंपनियों में काम करने वाले माइनिंग संभाग के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. सेकेंड क्लास पास कर्मचारी अब माइनिंग अधिकारी बन सकेंगे. इसके लिए कोल इंडिया प्रबंधन ने माइनिंग संवर्ग में गैर अधिकारी से अधिकारी वर्ग के चयन व पदोन्नति के मामले में पूर्व के प्रावधानों में संशोधन किया है. इसके मुताबिक कोल इंडिया प्रबंधन ने सीनियर ओवरमैन ग्रेड-ए के पद पर तीन वर्ष के कार्य अनुभव की बाध्यता को समाप्त कर दिया है. इसके लिए अब द्वितीय श्रेणी के खान प्रबंधक योग्यता प्रमाण-पत्र व छूट प्रमाण-पत्र काफी है. इस संबंध में कोल इंडिया के उप महाप्रबंधक (नीति) के हस्ताक्षर से अधिसूचना जारी के मुताबिक 27 जून को आयोजित कोल इंडिया निदेशक मंडल की 467वीं बैठक में माइनिंग संवर्ग के कैडर स्कीम में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गयी है. बता दें कि पूर्व में माइनिंग संवर्ग में गैर अधिकारी से अधिकारी वर्ग में चयन व पदोन्नति के लिए खान सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा द्वितीय खान प्रबंधक प्रमाण-पत्र के साथ-साथ सीनियर ओवरमैन के पद पर तीन वर्ष का कार्य अनुभव होना जरूरी था. इनमोसा के उप महामंत्री नेकोयला मंत्री व कोल इंडिया प्रबंधन को दी बधाई :
इधर, इनमोसा के केंद्रीय उप महामंत्री कुश कुमार सिंह ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि माइनिंग संवर्ग के कैडर स्कीम में संशोधन से इनमोसा समेत पूरे कोल इंडिया के सुपरवाइजरी स्टाफ में हर्ष है. उनकी पदोन्नति का रास्ता खुल गया है. अब ससमय माइनिंग संवर्ग के कर्मचारी अधिकारी वर्ग में पदोन्नत हो सकेंगे. इसके लिए इनमोसा परिवार कोयला मंत्री, कोल इंडिया चेयरमैन पीएम प्रसाद, कोल इंडिया डीपी विनय रंजन व बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता को बधाई देते हुए आभार प्रकट करता है. श्री सिंह ने कहा कि पूर्व में माइनिंग संवर्ग में गैर अधिकारी से अधिकारी वर्ग में चयन व पदोन्नति के लिए डीजीएमएस द्वारा द्वितीय खान प्रबंधक प्रमाण-पत्र के साथ-साथ सीनियर ओवरमैन के पद पर तीन वर्ष का कार्य अनुभव होना जरूरी था. जिसका इनमोसा लगातार विरोध करते आ रहा है. कैडर स्कीम में संशोधन के लिए कोल इंडिया चेयरमैन से लेकर कोयला मंत्री तक मिल कर मांग-पत्र सौंपा था. आज इनमोसा की मेहनत रंग लायी है. लंबे समय से लंबित मांग पूरी हुई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है