धनबाद : कोल सेक्टर में प्रस्तावित तीन दिवसीय हड़ताल के मुद्दे पर कोयला सचिव एवं यूनियन नेताओं के बीच मंगलवार को संपन्न वर्चुअल मीटिंग विफल हो गयी. वार्ता के बाद यूनियन नेताओं ने कहा : हड़ताल की जायेगी. वहीं अधिकृत सूत्रों का कहना है कि इस मुद्दे पर कोल मंत्री यूनियन नेताओं से बात कर हड़ताल वापस लेने का आग्रह करेंगे. वर्चुअल मीटिंग में कोल सचिव अनिल कुमार जैन, संयुक्त सचिव एम नागराजू,
कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल के अलावा यूनियनों की ओर से डॉ बीके राय (बीएमएस), रमेंद्र कुमार (एटक), नत्थूलाल पांडेय (एचएमस) और सीटू के डीडी रामानंदन शामिल थे. अधिकृत सूत्रों के मुताबिक कोल सचिव के साथ वार्ता विफल होने के बाद कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी यूनियनों के साथ वार्ता कर सकते हैं. दो जुलाई से हड़ताल का नाेटिस दिया गया है.
आप कुछ नहीं कर सकते, हमारा फैसला सरकार तक पहुंचा दें : कोयला सचिव ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि कॉमर्शियल माइनिंग से कोल इंडिया या इसकी किसी अनुषंगी इकाई को नुकसान नहीं होगा. इस पर बीएमएस नेता डॉ बीके राय ने कहा कि कॉमर्शियल माइनिंग का फैसला सरकार का है, आप इस पर कुछ नहीं कर सकते. आप हमलोगों की बात सरकार तक पहुंचा दीजिए कि कोल सेक्टर में तीन दिन की हड़ताल होगी.
एटक के रमेंद्र कुमार ने कहा कि ये सरकार का नीतिगत मामला है, आप इसे लागू करानेवाले हैं, इसलिए हमलोगों का संदेश सरकार तक पहुंचाने का काम करिये. संयुक्त सचिव एम नागराजू ने जब कोल इंडिया के बारे में विस्तार से कहना शुरू किया, तो यूनियन नेताओं ने यह कहते हुए चुप करा दिया कि कोल इंडिया को आपसे बेहतर समझते हैं.
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अब केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी कर सकते हैं वार्ता
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संयुक्त सचिव को यूनियनों ने कहा: आपसे बेहतर कोल इंडिया को हम समझते हैं
इंटक का मामला उठा : कोयला सचिव के साथ मीटिंग में इंटक को नहीं बुलाने का मामला सभी यूनियन नेताओं ने उठाया. इस पर कोल सचिव ने कानूनी बाध्यता का हवाला दिया.