दी गयी जन्मजात विकार की पहचान की ट्रेनिंग
सीएस कार्यालय में बर्थ डिफेक्ट ट्रेनिंग में शामिल हुए चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी
वरीय संवाददाता, धनबाद,
सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में गुरुवार को बर्थ डिफेक्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम हुआ. इसमें जन्मजात रोग की पहचान संबंधित जानकारी सभी चिकित्सा पदाधिकारी, स्टाफ नर्स को दी गयी. प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित सभी स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मियों को जन्मजात दोष के बच्चों के लक्षण व आकार के बारे में बताया गया. आरबीएसके के मेडिकल ऑफिसर डॉ विधान चंद्र ने बताया : हार्मोन व अन्य कमियों के कारण जन्म के दौरान बच्चों के शरीर का बनावट अलग हो जाता है. जन्म के दौरान ही इसे पहचाना और बच्चों को उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान करना आवश्यक है. सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) बच्चों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए अपनी तरह का एक अनूठा कार्यक्रम है. इससे सभी बच्चे अपनी पूरी क्षमता हासिल कर सकें और समुदाय के सभी बच्चों को व्यापक देखभाल भी मिल सके. इस कार्यक्रम में जन्म से लेकर 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों की फोर डी- जन्म के समय रोग, कमी और विकास में देरी के लिए जांच शामिल है. इसमें 32 सामान्य स्वास्थ्य स्थितियों का शीघ्र पता लगाना और तृतीय स्तर पर सर्जरी सहित मुफ्त उपचार और प्रबंधन शामिल है. . मौके पर डीआरसीएचओ डॉ रोहित गौतम आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है