मैथन डैम से सटे होदला जंगल में काट रहे थे पेड़, 22 मौजा के आदिवासियों ने ठेकेदार को बंधक बना किया विरोध
मैथन के जंगल में पेड़ काटने का किया विरोध
अब भी नहीं चेते तो हो जायेगी देर. पारा 43 पार, गर्मी से मचा हाहाकार, फिर भी पेड़ काटने से बाज नहीं आ रहे हम मैथन थर्ड डाइक के निकट इकट्ठा हुए आदिवासी समाज के लोगों ने पुलिस व वन विभाग की लानत-मलामत की
-भू-माफियाओं से मिलकर जंगल का संहार करने का लगाया आरोप, रूपनारायणपुर के एक व्यवसायी ने होटल बनाने केलिए होदला में ली है जमीन, व्यवसायी का दावा : झाड़ियों की चल रही थी सफाई
प्रतिनिधि, मैथन. मैथन डैम से सटे प. बंगाल के कल्याणेश्वरी इलाके में होदला जंगल का अस्तित्व खतरे में है. बुधवार को जंगल की कटाई की सूचना मिलने पर 22 मौजा के आदिवासी समुदाय के लोग ढोल-नगाड़ों के साथ मैथन थर्ड डाइक के पास जुट गये और पेड. काटने का विरोध किया. आदिवासी समाज ने उपस्थित बंगाल पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों व कर्मियों की जमकर लानत-मलामत की. इस दौरान भू-माफियाओं के साथ मिलकर जंगल के संहार का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने जंगल में कार्य कर रहे कब्जाधारियों के ठेकेदार राजीव मुर्मू को बंधक बना लिया और जमकर फजीहत की. बाद में राजीव को वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया. इस बाबत पूछे जाने पर राजीव मुर्मू ने कहा कि रूपनारायणपुर के एक होटल व्यवसायी अचिंतो माजी ने होटल बनाने के लिए होदला के निकट जमीन खरीदी है. उसकी देखरेख और अगुआई बथानबाड़ी निवासी विमल गोराईं और जाकिर अंसारी कर रहे हैं.
निर्माण के लिए 17 दिनों से चल रही थी पेड़ों की कटाई:
राजीव मुर्मू ने वन विभाग को बताया कि पिछले 17 दिनों से जंगल की कटाई चल रही थी. सीमेंट के पिलर भी मंगाये गये हैं. जिस जमीन पर काम चल रहा था, वह जंगल के बीच कई एकड़ में फैली हुई है. जमीन का एरिया होदला गांव के निकट से मैथन थर्ड डाइक तक है. राजीव ने कहा कि जब उसने अनुमति की बात पूछी, तो विमल और जाकिर ने कहा था कि कुछ भी होने पर वे देख लेंगे. हालांकि हंगामे के समय वे फरार थे. इधर, आंदोलन कर रहे आदिवासियों ने कहा कि 17 दिनों से काम चल रहा है. वन विभाग और पुलिस को पता नहीं चला, यह कैसे संभव हो सकता है. वे किसी भी हाल में जल, जंगल और जमीन नहीं उजड़ने देंगे. आगे और भी उग्र आंदोलन किया जायेगा.मामला पकड़ा गया, तो कह रहे छटाई कर रहे थे
ग्रामीण रंजीत सोरेन ने कहा कि मौजूदा भूमि पर लगे वनों को बिना अनुमति काटा जा रहा था. क्षेत्र में रहनेवालाें का भविष्य खतरे में डाला जा रहा है. निजी लाभ के लिए कुछ कारोबारी क्षेत्र को वन विहीन बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उसने आरोप लगाया कि पूरे मामले में वन विभाग की मिलीभगत है. अब भी मामले को दबाने के लिये बीट अधिकारी बोल रहे हैं. कह रहे कि सिर्फ पेड़ों की छटाई की गयी है, जबकि भारी संख्या में पेड़ काट दिये गये हैं.कोट: मुझे जानकारी नहीं थी. जब उक्त स्थान पर पहुंचा, तो देखा कि पेड़ों की कटाई की गयी है. एक व्यक्ति को मौके से पकड़ा गया, जिसने कुछ लोगों के नाम बताये हैं. यहां कंस्ट्रक्शन का सामान भी रखा मिला. हमलोग जांच कर रहे हैं. कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
जुरण नाथ, बीट अधिकारी, होदलाकोट : आदिवासी समुदाय का आपसी विवाद है. जमीन खरीदी गयी है. वहां इको टूरिज्म बनाया जायेगा, जिसके लिए पेड़ भी लगाये जायेंगे. इसलिए झाड़ियों को साफ किया जा रहा था. भूमि के सभी कागजात मेरे पास हैं.
अचितो माजी, होटल कारोबारीडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है