वरीय संवाददाता, धनबाद,
कुसुम विहार में शनिवार को कुत्तों के झुंड ने दो बच्चियों को नोच कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. दोनों सगी बहनें हैं. आनन-फानन में उन्हें एसएनएमएमसीएच ले जाया गया. दाेनों की गंभीर स्थिति को देखते हुए इमर्जेंसी के बाहर एंबुलेंस में ही मरहम पट्टी कर उन्हें रेफर कर दिया गया. घायल बच्चियों में एक का नाम राधिका (13) व दूसरे का श्वेता (10) है. उनके पिता राघवेंद्र जायसवाल बीसीसीएलकर्मी हैं. कुसुम विहार स्थित बीसीसीएल क्वार्टर में रहते हैं. उन्होंने बताया कि शनिवार की दोपहर दोनों बच्चियां घर के बाहर खेल रही थी. इसी दौरान कुत्तों के झुंड ने अचानक उनपर हमला कर दिया. कुत्तों के दोनों बहनों के शरीर के विभिन्न अंगों को बुरी तरह नोच डाला. स्थानीय लोगों की नजर पड़ने पर कुत्तों को खदेड़ा गया. एसएनएमएमसीएच से रेफर करने के बाद राघवेंद्र अपने दोनों बच्चियों को इलाज के लिए निजी अस्पताल ले गये.
निगम का दावा सब कुछ ओके, सड़क पर रोज नोच रहे अवारा कुत्ते :
धनबाद नगर निगम का दावा है कि शहर में अवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान ठीक-ठाक चल रहा है. सब कुछ ओके है. लेकिन, हकीकत में शहर के हर गली-मुहल्ले से लेकर मुख्य सड़क तक पर अवारा पशुओं का राज कायम है. हर दिन कुछ न कुछ लोगों को कुत्ते काट रहे हैं. सांड भी बीच सड़क पर लड़ने लगते हैं. राहगीरों को पटक दे रहे हैं. धनबाद नगर निगम में एक एजेंसी को सड़क पर घूमने वाले कुत्ता को पकड़ने के लिए एक एजेंसी को काम दिया गया है. एजेंसी का दावा है कि प्रत्येक दिन कुत्ता को पकड़ने के लिए वाहन शहर के विभिन्न मुहल्लों में घूमता है. उनका बंध्याकरण भी कर रहा है. कम से कम 20 से अधिक कुत्ता को रोज पकड़ने की बात कही जा रही है. लेकिन, किसी भी क्षेत्र में अवारा कुत्तों का आतंक नहीं घटा है. सड़क पर आते-जाते लोगों को कब कुत्ता दौड़ा दे कोई नहीं जानता. बच्चे, बुजुर्ग सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं. खूंखार जानवर की तरह रात को भी राहगीरों पर टूट पड़ते हैं. दो पहिया वाहन चालक तो अक्सर गिर जाते हैं. पैर-हाथ तक टूट जाता है. सरकारी अस्पताल एवं स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी रैबीज इंजेक्शन लेने वालों की भी रोज कतार लगी रहती है. बताया जाता है कि जिन कुत्तों को निगम द्वारा बहला एजेंसी पकड़ कर बंध्याकरण के लिए ले जाती है. उन्हें दुबारा फिर उसी इलाका में ला कर छोड़ दिया जाता है. इससे इन कुत्तों का आतंक और बढ़ जाता है.
मुख्य सड़क पर घूमते हैं सांड, कर देते हैं हमला :
शहर के मुख्य सड़कों पर अवारा सांड घूमते रहते हैं. बाजारों में भी इनका आतंक रहता है. इनको पकड़ने के लिए निगम द्वारा बनायी गयी योजना पूरी तरह फेल हो गयी है. बाजार क्षेत्र में घूमने वाले सांड कभी भी हमला कर देते हैं. इससे राहगीर अक्सर घायल हो जाते हैं. मुख्य सड़क पर खड़े वाहनों के पास भी आ कर बैठ जाते हैं.