24 घंटे में खाली करें गोदाम व दुकानें, अन्यथा रद्द होगा आवंटन : बाजार समिति प्रशासन
दो बार नोटिस के बाद भी अब तक नहीं किया गया है खाली
By Prabhat Khabar News Desk |
April 9, 2024 1:06 AM
मुख्य संवाददाता, धनबाद.
बाजार समिति प्रशासन द्वारा व्यवसायियों को 24 घंटे के अंदर सात गोदाम व 18 दुकानों का खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया. ऐसा नहीं होने पर आवंटन रद्द करने की चेतावनी दी है. बाजार समिति प्रशासन ने सोमवार को चिह्नित गोदामों व दुकानों के संचालकों को नोटिस जारी किया है. बाजार समिति प्रशासन के मुताबिक लोकसभा चुनाव के लिए बाजार समिति परिसर के स्ट्रांग रूम बनना है. जिला प्रशासन द्वारा एक अप्रैल 2024 से बाजार समिति परिसर के सात गोदामों व 18 दुकानों को अधिग्रहण कर लिया गया है. छह जून 2024 तक यहां चुनाव कार्य संपादित किये जायेंगे. इस आलोक में बाजार समिति प्रशासन गोदाम व दुकानाें को खाली करने के लिए पहले ही दो नोटिस दे चुका है. इसके बावजूद गोदाम व दुकानों को खाली नहीं किया है, जो अनुशासनहीनता है. सोमवार को अंतिम नोटिस जारी कर चेतावनी दी गयी है कि गोदाम व दुकान खाली नहीं होने पर आवंटन रद्द कर दुकानों व गोदामों को खाली कर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त को लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के लिए हस्तांतरित कर दिया जायेगा. जिन गोदामों को खाली करने का नोटिस दिया गया है उनमें रुचि सोया, अडाणी विल्मर, भीम सरिया एंड संस, महावीर मार्केटिंग, गणपति इंटरप्राइजेज व शारदा ट्रेडिंग व एक और गोदाम शामिल हैं.
नोटिस से व्यवसायियों में खलबली:
बाजार समिति के गोदाम खाली नहीं करने पर आवंटन रद्द करने के नोटिस से व्यवसायियों में खलबली मच गयी है. उनका कहना है कि रामनवमी तक गोदाम व दुकान खाली करने का आग्रह प्रशासन से किया गया था, लेकिन 24 घंटे में उन्हें खाली करना काफी मुश्किल है. फिलहाल तीन गोदामों व कुछ दुकानों को खाली करने का प्रयास किया जा रहा है, शेष को रामनवमी तक खाली करने के लिए प्रशासन से पुन: आग्रह किया जायेगा.
सामान रखने की वैकल्पिक व्यवस्था की मांग:
बाजार समिति चेंबर का कहना है कि जिला प्रशासन से गोदाम व दुकान का सामान रखने के लिए बिरसा मुंडा स्पोर्ट्स होस्टल व मेगा स्पोर्ट्स में जगह देने की मांग की गयी थी. प्रशासन ने सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया था. अब अचानक 24 घंटे में दुकान व गोदाम खाली करने के नोटिस से व्यवसायियों की परेशानी बढ़ गयी है. उतना सामान कहां रखा जाए. इसे लेकर असमंजस की स्थिति है.