Dhanbad News : मरीज की मौत के बाद एसएनएमएमसीएच में हंगामा, तोड़फोड़
आक्रोशित परिजनों ने लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप, चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों से की गाली-ग्लौज, फेंकी हजारों रुपये की दवा, घटना के विरोध में एसआर चिकित्सकों ने एक घंटे ठप रखी चिकित्सा सेवा, वरीय चिकित्सकों के समझाने पर लौटे
मरीज की मौत के बाद गुरुवार की शाम परिजनों ने एसएनएमएमसीएच की इमरजेंसी में जमकर हंगामा किया. चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने यहां तोड़फोड़ भी की. एक्जामिनेशन रूम में रखी हजारों रुपये की स्लाइन, सिरिंज व दवा फेंक दी. चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ गाली- ग्लौज भी की. सूचना मिलने पर पहुंची सरायढेला पुलिस को भी हंगामा कर रहे लोगों को समझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. इमरजेंसी में लगभग दो घंटे तक हंगामा चलता रहा. इस दौरान इमरजेंसी में चिकित्सीय कार्य दो घंटे तक ठप रहा.
क्या है मामला :
विनोद नगर निवासी विजय कुमार यादव (60 वर्ष) को सांस लेने में तकलीफ थी. उन्हें गुरुवार की शाम लगभग साढ़े पांच बजे एसएनएमएमसीएच ले जाया गया. मृतक के पुत्र पंकज कुमार व संजय कुमार के अनुसार उनके पिता को छाती में पानी भरने की शिकायत थी. एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. गुरुवार की शाम उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजन उन्हें लेकर एसएनएमएमसीएच पहुंचे. परिजनों का आरोप है कि सांस लेने में तकलीफ होने के बावजूद उन्हें ऑक्सीजन नहीं दिया गया. उन्हें आइसीयू स्पोर्ट की जरूरत थी, बावजूद इमरजेंसी के एक्जामिनेशन रूम में ही उन्हें आधे घंटे से अधिक देर तक रखा गया. चिकित्सकों ने भी इलाज में तत्परता नहीं दिखायी. चिकित्सकों की लापरवाही के कारण उनके पिता की मौत हुई.हंगामा देख वार्ड में दुबके चिकित्सक
हंगामा कर रहे लोग चिकित्सकों के साथ गाली-ग्लौज पर उतारू हो गये. ऐसे में इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक हंगामा कर रहे लोगों से बचने के लिए वार्ड में जाकर छिप गये. पुलिस के आने पर सभी बाहर निकले. इस दौरान इमरजेंसी में चिकित्सा सेवा पूरी तरह ठप रही.परिजनों का रो-रोकर था बुरा हाल
विजय कुमार यादव की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. मृत की दो बेटियां और दो बेटे हैं. दोनों बेटियां पिता के शव के साथ लिपट कर रोती-बिलखती रही. पापा उठो न, यह कहते हुए बेटी बार-बार बेहोश हो जा रही थी.घटना के समय सिर्फ एक होमगार्ड था
एसएनएमएमसीएच में पहले से होमगार्ड जवानों की कमी है. गुरुवार की शाम हंगामा के समय सिर्फ एक होमगार्ड जवान इमरजेंसी में तैनात था. ऐसे में एक व्यक्ति के भरोसे स्थिति को नियंत्रित करना संभव नहीं था.टीओपी शुरू नहीं होने की खली कमी
एसएनएमएमसीएच में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए टीओपी का निर्माण कराया गया है. हालांकि अबतक टीओपी को शुरू नहीं किया जा सका है. अगर टीओपी संचालित होता तो गुरुवार को मरीज की मौत के बाद हंगामा व तोड़फोड़ की नौबत शायद नहीं आती.विरोध में एसआर चिकित्सकों ने एक घंटे ठप रखी चिकित्सा सेवा
घटना के विरोध में इमरजेंसी में तैनात एसआर चिकित्सकों ने गुरुवार की रात लगभग एक घंटे तक चिकित्सा सेवा ठप रखी. हंगामा शांत होने के बाद रात लगभग आठ बजे सभी चिकित्सक इमरजेंसी छोड़कर चले गए. इस दौरान इमरजेंसी में पहुंचे आधा दर्जन से ज्यादा मरीजों को लौटा दिया गया. बाद में वरीय चिकित्सकों के समझाने पर मामला शांत हुआ और सभी काम पर लौटे. एसआर चिकित्सक घटना में शामिल लोगों पर एफआइआर दर्ज कराने की मांग कर रहे है. घटना को लेकर एसआर चिकित्सकों ने शुक्रवार को बैठक बुलायी है.घटना पर अधीक्षक ने जताया विरोध
परिजनों द्वारा चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ गाली-ग्लौज की घटना का अधीक्षक डॉ एसके चौरसिया ने विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि मरीज की स्थिति पहले से गंभीर थी. इसकी जानकारी परिजनों को दे दी गयी थी. मरीज को दूसरे अस्पताल ले जाने को कहा गया था, लेकिन वे तैयार नहीं हुए. लापरवाही का आरोप पूरी तरह गलत है.
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