धनबाद.
आरोग्य भारती धनबाद की ओर से एक स्थानीय होटल में स्वस्थ जीवनशैली पर वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस अवसर पर आरोग्य भारती के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं विश्व आयुर्वेद मिशन के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जीएस तोमर ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का ध्यान अब संक्रामक रोगों से हटकर जीवनशैली जन्य रोगों की ओर आकृष्ट हो रहा है. ऐसे तीन चौथाई से अधिक रोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर दूर रखा जा सकता है.आयुर्वेद संपूर्ण जीवन दर्शन भी है
डॉ तोमर ने कहा कि आयुर्वेद मात्र चिकित्सा पद्धति ही नहीं संपूर्ण जीवन दर्शन है. इसमें वर्णित दिनचर्या, रात्रिचर्या एवं ऋतुचर्या ही एक आदर्श जीवनशैली है. ठंड के इस मौसम में हमें तुलसी, अदरक, काली मिर्च, दालचीनी, छोटी पीपर, गुड़ एवं तिल का प्रयोग किसी न किसी रूप में अवश्य करना चाहिये. आयुष चिकत्साधिकारी डॉ अमरेंद्र पाठक ने आयुष मंत्रालय द्वारा शुरू किये गये प्रकृति परीक्षण अभियान की विस्तृत जानकारी दी. आरोग्य भारती धनबाद के अध्यक्ष डॉ विकास रमन ने जीर्ण एवं असाध्य रोगों में उपचार के साथ स्वस्थ जीवनशैली के महत्व पर अपने अनुभव बताये. झारखंड प्रांत संयुक्त सचिव जयप्रकाश नारायण सिंह ने मोटे अनाज की उपयोगिता पर अपने विचार रखे. प्रांत महिला प्रकोष्ठ प्रमुख रमा सिन्हा ने किशोरी स्वास्थ्य के लिए उपयोगी तथ्य बताये. कार्यक्रम में जिला झारखंड पर्यावरण प्रमुख अरुण राय, कार्याध्यक्ष दयाशंकर चौबे, उपाध्यक्ष यतींद्र नाथ ठाकुर, सह सचिव विकास ओझा, महानगर अध्यक्ष डीएन सिंह, महानगर सचिव बीपीपी सिंह, सह सचिव अजय सिन्हा व अशोक कुमार, महिला प्रकोष्ठ सचिव संगीता शर्मा एवं सुषमा उपाध्याय, नीतू सिन्हा, किरण सिन्हा आदि थे. धन्यवाद ज्ञापन अरुण राय ने किया.
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